अमेज़ॉन और फ़्लिपकार्ट पर सरकार नकेल कसने की तैयारी में है. बता दें कि इनके वृहद और फैलते व्यापार से छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. अब अमेज़ॉन और फ़्लिपकार्ट परउन कंपनियों के उत्पाद बेचने पर पाबंदी लगेगी, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है. इसे लेकर भारतीय रिटेलरों और कारोबारियों ने शिकायत की है. शिकायत में कारोबारियों ने कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियां उनका धंधा ख़त्म कर रही हैं.
इस बात से तो हर कोई वाकिफ है कि भारतीय रिटेल बाज़ार में छोटी दुकानों का वर्चस्व हुआ करता था, लेकिन तकनीक के इस ज़माने में ऑनलाइन शॉपिंग ने खेल बदल कर रख दिया. नए नियमों से कंपनियों के अलावा ख़रीदारों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा.
प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, भारत सरकार ने अमेज़ॉन डॉट कॉम और वॉलमार्ट के फ़्लिपकार्ट समूह जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर कड़े नियम लगाते हुए फ़ैसला सुनाया है कि अब वो उन कंपनियों के उत्पाद नहीं बेच सकतीं, जिनमें उनकी अपनी हिस्सेदारी शामिल हैं. वहीं एक बयान देते हुए सरकार ने कहा है कि ये कंपनियां अब सामान बेचने वाली कंपनियों के साथ 'विशेष समझौते' नहीं कर सकतीं है. साथ ही आपको बता दें कि सरकार द्वारा जारी यह नया नियम 1 फरवरी 2019 से लागू होगा.
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