नई दिल्ली: ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के भारत दौरे ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इसका मुख्य कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंसा के बाद जारी तनाव है। खबर है कि सरकार 22 अप्रैल को दिल्ली में होनी वाली पीएम नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष की मुलाकात के दौरान स्थिति को लेकर चिंतित है। सुरक्षा के मद्देनजर एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। खास बात है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद से ही क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि सरकार को चिंता इस बात की है कि 22 अप्रैल को जॉनसन के भारत दौरे के दौरान कोई दंगा या अप्रिय घटना न घटे। डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से पहले जारी किए गए बयान के अनुसार, 'ब्रिटिश पीएम का दौरा गुरुवार (21 अप्रैल) को अहमदाबाद में कारोबारियों के मिलने और भारत और ब्रिटेन के वाणिज्य, कारोबारी और लोगों के जुड़ने पर संपर्क से आरंभ होगा।''
बयान में आगे बताया गया है कि, 'यह पहली बार होगा जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री भारत के पांचवे सबसे बड़े राज्य और करीब आधी ब्रिटिश-भारतीय आबादी के पुश्तैनी घर गुजरात पहुंचेंगे।' उम्मीद की जा रही है कि गुजरात में जॉनसन यूके और भारत के उद्योगों में बड़े निवेश के साथ-साथ नए साइंस, हेल्थ और टेक्नोलॉजी से जुड़ी परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं।
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