नई दिल्ली: भारत सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट को ख़ारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि Air India के लिए टाटा ग्रुप ने बोली जीत ली है। इससे पहले ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया था, टाटा समूह ने 68 साल बाद एक बार फिर एयर इंडिया को अपने अधीन कर लिया है। वहीं सरकार का कहना है कि अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है।
बता दें कि ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि, 'एयर इंडिया के लिए पैनल ने टाटा ग्रुप को चयनित किया है। एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप के साथ-साथ स्पाइसजेट के अजय सिंह ने बोली लगाई थी।' मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि, 68 वर्षों के बाद एक बार फिर एयर इंडिया पर टाटा ग्रुप का मालिकाना हक़ हो गया है। हालांकि, अब भारत सरकार ने बयान जारी करते हुए इस दावे का खंडन किया है और कहा है कि अभी इस संबंध में अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
Media reports indicating approval of financial bids by Government of India in the AI disinvestment case are incorrect. Media will be informed of the Government decision as and when it is taken: Secretary, Department of Investment and Public Asset Management, GoI pic.twitter.com/PoWk7UceF5
— ANI (@ANI) October 1, 2021
बता दें कि JRD टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी। दूसरे विश्व युद्ध के समय विमान सेवा पर पाबंदी लगा दी गयी। विमान सेवाएं बहाल हुईं, तो 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइंस का नाम परिवर्तित कर एयर इंडिया लिमिटेड रख दिया गया। 1947 में एयर इंडिया की 49 फीसदी हिस्सेदारी सरकार ने ले ली थी। 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया। सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया तथा कंपनी के फाउंडर जेआरडी टाटा से मालिकाना अधिकार खरीद लिया। इसी के पश्चात् इसका नाम एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड रख दिया गया।
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