नई दिल्ली: भारत में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है, जिसके प्रथम चरण में सफलता पूर्वक हेल्फ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वॉरियर्स को वैक्सीन लगाई जा रही है और तीसरे चरण में 50 साल से अधिक की आयु के लोगों को टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है. बुधवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना वैक्सीन पाने वाले व्यक्तियों में भारत की मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है।
अब तक टीकाकरण के बाद सिर्फ 23 लोगों की मौत दर्ज की गई है, कुल टीकाकरण से होने वाली मौतों का फीसद 0.0003 है, 23 मौतों में से नौ लोगों की अस्पताल में मौत हो गई, जबकि 14 की मौत अस्पताल के बाहर दर्ज है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी मौत को कोरोना टीकाकरण से नहीं जोड़ा गया है, इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में इस्तेमाल के लिए स्वीकृत दोनों टीके सर्वोच्च रूप से सुरक्षित हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि, “इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि दोनों वैक्सीन बहुत सुरक्षित हैं। साइड इफ़ेक्ट बहुत कम है, जो 14 में से एक के रूप में दिखते हैं, जो कि तुलना में कम है।" केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार तक तक़रीबन 2,00,000 लाभार्थियों को टीकाकरण के साथ 60.8 लाख हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया गया है।
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