नई दिल्ली : अमेरिका (यूएस) और ब्रिटेन (यूके) में काम कर रही दिग्गज भारतीय आईटी कंपनियां अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों की वजह से स्लोडाउन का शिकार हो रही है.इसलिए इन्होंने दुनिया के दूसरे बाजारों की ओर जाने का मन बना लिया है. ये कंपनियां अब देश के पास स्थित बाजारों जैसे चीन को अपना नया ठिकाना बना सकती हैं.
आपको बता दें कि चीनी और भारतीय आईटी कंपनियों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सॉफ्टवेयर और सर्विस कंपनियों के राष्ट्रीय संघ (नैस्कॉम) और शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस महीने के आरम्भ में नानजिंग सरकार के साथ एक कार्यक्रम की सह-मेजबानी की थी. नैस्कॉम के ग्लोबल ट्रेड डेवलपमेंट के निदेशक गगन सभरवाल ने बताया कि चीन और जापान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं.यहां आईटी क्षेत्र में खर्च करने वालों की संख्या भी ज्यादा है. हमें अमेरिका और ब्रिटेन पर से अपनी निर्भरता में बदलाव करने की जरूरत है.
दरअसल नैस्कॉम के अमेरिका और ब्रिटेन से बाहर उद्योग की उपस्थिति का विस्तार करने के लिए प्रयत्नशील है.इसने बीते साल विभिन्न देशों के साथ गठजोड़ की कई योजनाएं बनाई हैं. नैस्कॉम ने चीन में अवसरों पर अध्ययन किया है, कुछ कंपनियां पहले ही इस देश में अपना आधार स्थापित कर चुकी हैं.