अप्रैल की शुरुआत से पुणे स्थित माय लैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस कोरोना वायरस बीमारी के परीक्षण में इस्तेमाल होने वाली 20 हजार किट का उत्पादन करती थी. अब उसने इसका उत्पादन बढ़ाकर दो लाख कर दिया है. ऐसा वह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर कर पा रही है. इससे भारत की टेस्टिंग किट की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा जिसके इस महीने के अंत तक एक लाख पहुंचने की उम्मीद है. अब भारत को विदेश से टेस्ट किट आयात करने की जरूरत नहीं होगी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मायलैब केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) से टेस्ट किट का उत्पादन करने के लिए मंजूरी लेने वाली पहली स्थानीय कंपनियों में से एक थी. सीडीएससीओ ने अब छह अन्य कंपनियों को टेस्ट किट बनाने की मंजूरी दी हैं. यह सभी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मानदंड पर खरे उतरते हैं. वर्तमान में भारत रोजाना आरटी-पीसीआर के जरिए 75,000-80,000 नमूनों की जांच कर रहा है.
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इसके अलावा मई के आखिर तक भारत का लक्ष्य रोजाना एक लाख नमूनों की जांच करने की है. अब तक मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस ने 20 राज्यों की करीब 140 प्रयोगशालाओं और अस्पतालों में 650,000 टेस्ट किटों की आपूर्ति की है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदार पूनावाला ने कहा, 'मायलैब के साथ मिलकर हमारे प्रयासों को देखना मुझे अभिभूत करता है जिससे भारत कोविड-19 का मुकाबला करने में आत्मनिर्भर बन रहा है. हमारा उत्पादन रोजाना 20 हजार से बढ़कर दो लाख हो गया है. अब हम भारत की बढ़ती मांग को पूरा कर पाएंगे.'
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