नई दिल्ली। भारत ने ब्रह्मोस मिसाईल का लड़ाकू विमान सुखोई से प्रक्षेपण का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण के बाद भारत की सामरिक शक्ति को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान यह बात सामने आई कि भारत की मिसाईल क्षमता बेहद मजबूत है। कुछ लोगों ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. एपीजे कलाम को याद किया और कहा कि मिसाईल तकनीक में उन्नत स्थिति प्राप्त करने के लिए हमें डाॅ. कलाम के योगदान को मानना होगा। दूसरी ओर कुछ लोग भारत की मिसाईल्स को लेकर चर्चा करते रहे। जिनमें अग्नि, पृथ्वी को लेकर चर्चा हुई। ऐसे में आप भी अग्नि मिसाईल की खूबियों को जानना चाहेंगे। हम आपको बता रहे हैं अग्नि मिसाईल के बारे में।
अग्नि 1:
दरअसल अग्नि 1 मिसाईल का सफल परीक्षण 25 जनवरी 2002 को हुआ था। मिसाइल का वजन 12 टन था। इसकी लंबाई 15 मीटर तय की गई थी। मिसाईल की मारक क्षमता 700 से 1200 किलोमीटर आंकी गई है। यह मिसाईल सटीक निशाने और लक्ष्य भेदन पर कार्य करती है।
भारत सतह से सतह तक मार करने वाली शौर्य मिसाइल का सफल प्रक्षेपण भी कर चुका है। भारत ने वर्ष 2008 में इसका सफल परीक्षण किया था। इसकी लंबाई 1.90 मीटर थी। यह भारत की पहली हाइपर सुपर सोनिक मिसाईल है।
अग्नि 2:
इस मिसाईल का परीक्षण 11 अप्रैल 1999 को हुआ था। मिसाईल का वजन 16 हजार किलो है। इस मिसाईल की मारक क्षमता करीब ढाई हजार किलोमीटर तय की गई है। इस मिसाईल के परीक्षण से पाकिस्तान और चीन तक घबरा गए।
अग्नि 3:
जुलाई वर्ष 2006 में इसका प्रथम परीक्षण हुआ था। उक्त मिसाईल का वजन 48 हजार किलोग्राम था और इसकी लंबाई 17 मीटर थी। मिसाइल की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर तक की है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह मिसाईल अपने साथ परमाणु आयुध भी ले जा सकती है। अर्थात यह परमाणु क्षमता से संपन्न है।
अग्नि 4:
इस मिसाईल का परीक्षण 15 नवंबर 2011 को हुआ था। इस मिसाईल का भारत 17 हजार किलोग्राम था। इसकी लंबाई 20 मीटर थी और इस मिसाइल का निर्माण अग्नि 2 और अग्नि 3 के बीच की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए किया गया।
अग्नि 5:
इस मिसाईल का परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था। इसका भार 5 हजार किलोग्राम था। इसकी लंबाई 17.5 मीटर थी और लगभग 500 किलोमीटर तक मार करने की इसकी क्षमता थी। यह भारत की पहली इंटर काॅन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाईल थी।
अब इज़रायल से नहीं खरीदेगा भारत,एमपीएटीजी मिसाईल