नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मंगलवार को जारी किए गए पूर्वानुमान में भारत की विकास दर (GDP) में तीन फीसदी की कमी कर दी. अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को भी गिरावट झेलनी पड़ी है. अपने वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक (WEO) अपडेट में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि एशिया इस वर्ष 7.5 फीसद की दर से विकास करेगा. अप्रैल में जारी किए गए पूर्वानुमान से यह 1.1 फीसद कम है.
इसे एशियाई अर्थव्यवस्थाओं पर सबसे अधिक मार पड़ी है. पूरी दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर में 0.4 फीसद की ही कमी की गई है. एक बयान में IMF ने कहा है कि, 'मार्च से मई के बीच आई कोरोना वायरस की लहर की वजह से भारत की विकास दर के पूर्वानुमान में कमी की गई है, क्योंकि अर्थव्यस्था के वापस पटरी पर लौटने के आत्मविश्वास को ठेस पहुंची है.' IMF ने कहा है कि आसियान-5 समूह के अन्य देशों में भी ऐसे ही हालात हैं, जहां कोरोन महामारी की ताजा लहरों ने बड़ा असर डाला है.
नए आंकड़ों के अनुसार, भारत की विकास दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है, जो पिछले अनुमान से 3 फीसद कम है. आसियान-5, जिसमें इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपीन्स, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं, अनुमानतः 4.3 फीसदी की दर से विकास करेंगे, जो पहले से 0.6 फीसद कम हैं. वहीं, चीन की विकास दर में 0.3 कटौती करके उसे 8.1 फीसद का पूर्वानुमान दिया गया है. इसका मुख्य कारण सार्वजनिक निवेश में कमी बताया गया है.
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