आप नहीं जानते होंगे भारतीय नौसेना से जुड़ी ये 10 बातें

आप नहीं जानते होंगे भारतीय नौसेना से जुड़ी ये 10 बातें
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भारतीय नौसेना, जो आज दुनिया की सबसे शक्तिशाली नौसेनाओं में से एक मानी जाती है, भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में मिली ऐतिहासिक विजय को हर साल 4 दिसंबर को "इंडियन नेवी डे" के रूप में मनाती है। इस दिन भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन ट्राइडेंट के माध्यम से एक सशक्त जवाब दिया था। यह युद्ध सात दिन चला था और भारतीय नौसेना ने विजय प्राप्त की थी। इस युद्ध के चलते पहली बार जहाजों पर मार करने वाली एंटी-शिप मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था, जिसने भारतीय नौसेना की ताकत को पूरी दुनिया में साबित किया। तब से 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए आपको बताते हैं भारतीय नौसेना से जुड़ी कुछ और रोचक और महत्वपूर्ण बातें:

1. भारतीय नौसेना की स्थापना
भारतीय नौसेना की स्थापना ईस्ट इंडिया कंपनी के तहत की गई थी, जो भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा थी। पहले इसे केवल एक समुद्री सेना के रूप में देखा जाता था, जो ब्रिटिश साम्राज्य की सुरक्षा और व्यापारिक मार्गों की रक्षा करती थी।

2. रॉयल इंडियन नेवी का गठन
1934 में, ईस्ट इंडिया कंपनी के समुद्री बल को औपचारिक रूप से रॉयल इंडियन नेवी के रूप में स्थापित किया गया। तब यह भारतीय नौसेना का अग्रदूत था, और इसका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य के समुद्री हितों की रक्षा करना था। इस समय भारतीय नौसेना को अत्यधिक सीमित संसाधनों के साथ काम करना पड़ता था।

3. भारतीय नौसेना का पुनर्गठन
भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद 1950 में भारतीय नौसेना का पुनर्गठन किया गया और इसे भारतीय नौसेना का आधिकारिक नाम दिया गया। स्वतंत्रता के बाद भारतीय नौसेना ने अपने आकार और शक्ति को बढ़ाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

4. पहले भारतीय सेनाध्यक्ष की नियुक्ति
22 अप्रैल 1958 को वाइस एडमिरल रामदास कटारी को भारतीय नौसेना का पहला भारतीय सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इससे पहले, भारतीय नौसेना के प्रमुख ब्रिटिश अधिकारी हुआ करते थे। इस नियुक्ति के साथ भारतीय नौसेना के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा।

5. दुनिया की टॉप 10 नौसेनाओं में स्थान
आज भारतीय नौसेना को दुनिया की टॉप 10 नौसेनाओं में से एक माना जाता है और उसका स्थान सातवें नंबर पर है। यह भारतीय नौसेना की ताकत और प्रभाव का परिचायक है, जो विभिन्न समुद्री युद्धों में अपनी सैन्य क्षमता को साबित कर चुकी है।

6. सागर प्रहरी बल का गठन
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय नौसेना ने सागर प्रहरी बल का गठन किया। यह बल समुद्री सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है और भारतीय तटों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। इस बल के गठन से भारतीय नौसेना की सुरक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

7. आईएनएस विक्रांत - भारत का पहला विमानवाहक पोत
आईएनएस विक्रांत भारत का पहला विमानवाहक पोत था, जिसे 1957 में ब्रिटेन के रॉयल नेवी से खरीदा गया था। इस पोत ने भारतीय नौसेना को समुद्र में अपनी हवाई शक्ति का विस्तार करने में मदद की और इसे एक महत्वपूर्ण समुद्री युद्ध पोत के रूप में स्थापित किया। आईएनएस विक्रांत ने भारतीय नौसेना को एक नई पहचान दी और इसके माध्यम से भारत ने समुद्र में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत किया।

8. भारतीय नौसेना अकादमी
भारतीय नौसेना अकादमी, जो केरल के कन्नूर जिले के एझिमाला में स्थित है, एशिया की सबसे बड़ी नौसेना अकादमी मानी जाती है। यहां भारतीय नौसेना के अधिकारियों और सैनिकों को प्रशिक्षित किया जाता है। इस अकादमी में विभिन्न तरह के नौसैनिक पाठ्यक्रम होते हैं, जो देश की समुद्री सुरक्षा के लिए दक्ष अधिकारी तैयार करते हैं।

9. परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत
आईएनएस अरिहंत, भारतीय नौसेना की पहली परमाणु पनडुब्बी है, जिसे स्वदेशी रूप से बनाया गया है। यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना को समुद्र के भीतर से भी हमले की क्षमता प्रदान करती है। आईएनएस अरिहंत का प्रमुख उद्देश्य भारतीय समुद्री रक्षा की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करना है और यह भारत की परमाणु पनडुब्बी आधारित मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है।

10. मार्कोस कमांडो
भारतीय नौसेना के पास मार्कोस (Marine Commandos) कमांडो बल है, जिन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर और विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो के रूप में जाना जाता है। इन कमांडो का कार्य किसी भी समुद्री युद्ध या ऑपरेशन में महत्वपूर्ण होता है, और इन्हें जटिल और खतरनाक मिशनों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। यह बल भारतीय नौसेना की विशेष ताकत और समुद्र में उसकी प्रौद्योगिकी और युद्ध क्षमता का परिचायक है।

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