नई दिल्ली: आज इंडियन नेवी का जहाज संध्याक (Sandhaya) सेवामु्क्त हो जाएगा। 40 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद नेवल डॉकयार्ड विशाखापत्तनम में INS संध्याक का सेवामुक्ति समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण समारोह में कोरोना गाइडलाइन्स के चलते सिर्फ इन-स्टेशन अधिकारी और नाविक ही शामिल हो सकेंगे।
कार्यक्रम के दौरान कोरोना नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा। बता दें कि इस जहाज की परिकल्पना तत्कालीन चीफ हाइड्रोग्राफर, रियर एडमिरल एफएल फ्रेजर ने की थी, जिन्होंने देश में इस हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत का डिजाइन और निर्माण भी किया था। बता दें कि नेवी हेडक्वार्टर द्वारा डिजाइन को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इस जहाज का निर्माण वर्ष 1978 में कील बिछाकर GRSE कोलकाता में आरंभ हुआ था।
जहाज को 26 फरवरी, 1981 को वाइस एडमिरल एमके रॉय द्वारा इंडियन नेवी में कमीशन किया गया था, जो तत्कालीन फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह जहाज अपनी कमीशनिंग के वक़्त से अल्मा-मेटर रहा है। इसके साथ ही INS संध्याक ने प्रायद्वीपीय जल के पूर्ण हाइड्रोग्राफिक कवरेज की नींव रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जहाज को डिजाइन करना एक बड़ी कामयाबी थी, जिसने इंडियन नेवी के सभी सर्वेक्षण जहाजों के लिए हाल ही में संशोधनों में मार्ग प्रशस्त किया।
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