नई दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बुधवार (8 नवंबर) को कहा कि भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह 'आत्मनिर्भर' बन जाएगी। उनकी टिप्पणी गांधीनगर में कर्णावती विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में आई। उन्होंने कहा कि, 'हमें औपनिवेशिक और पुरातन प्रथाओं से दूर हटना चाहिए और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप होना चाहिए। हम सबको गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना होगा। आज, एक राष्ट्र के रूप में हम 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यह महत्वाकांक्षी विकास युवाओं की ऊर्जा और उत्साह पर आधारित होगा। आप आकांक्षी भारत की अमृत पीढी (स्वर्णिम पीढ़ी) है।''
नौसेना प्रमुख ने कहा कि, 'भारत की आकांक्षात्मक वृद्धि निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था पर आधारित है। यहीं पर भारतीय नौसेना तस्वीर में आती है। हम आंतरिक रूप से समुद्र से जुड़े हुए हैं और भारत के समुद्री व्यापार की रक्षा करने और देश के समुद्री हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज भारत का मात्रा के हिसाब से 95 प्रतिशत व्यापार और मूल्य के हिसाब से लगभग 68 प्रतिशत व्यापार समुद्र के रास्ते होता है, हर भारतीय की आजीविका किसी न किसी तरह से समुद्र से जुड़ी हुई है।'
उन्होंने कहा कि, भारतीय "एक समतावादी समाज" में रहते हैं, उन्होंने कहा, "हम एक दशक से भी कम समय में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं।" एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि, भारतीय नौसेना भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देती है। रक्षा क्षेत्र एक मांग निर्माता है और भारत में हो रहे स्वदेशी नवाचारों के साथ, हमें विश्वास है कि भारतीय नौसेना 2047 तक आत्मनिर्भर बन जाएगी।
उन्होंने कहा कि, 'भारतीय नौसेना सक्रिय रूप से लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर की देखभाल कर रही है। हीरे के शहर सूरत के लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत के पहले नौसैनिक जहाज का नाम एक शहर के नाम पर रखा जाएगा। INS सूरत को अगले साल चालू किया जाएगा और यह विश्व व्यवस्था में भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति को प्रतिबिंबित करेगा।'
सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 65 फीसद आरक्षण, नितीश सरकार ने पारित किया प्रस्ताव