नई दिल्ली: पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिए अब तक कई तरह से खोज की जा चुकी है। अब कैलिफोर्निया के स्कि्रप्स रिसर्च में इंडियन मूल के केमिस्ट रामनारायण कृष्णमूर्ति ने इस बारे में कुछ नए खुलासे और दावें भी किए है। उनका कहना है कि डीएनए (डिऑक्सीरिबोन्यूक्लिक एसिड) और आरएनए (रिबोन्यूक्लिक एसिड) के मिश्रण ने हमारे ग्रह पर जीवन की उत्पत्ति हुई। कृष्णमूर्ति ने प्रदर्शित किया कि एक सरल यौगिक जिसे डायमिडोफॉस्फेट (डीएपी) भी बोलते है, जीवन से पहले पृथ्वी पर उपस्थित था। जंहा इस बात का पता चला है कि इन्हें रासायनिक रूप से एक साथ जोड़कर छोटे DNA निर्माण खंडों की उत्पत्ति की गई, जिन्हें डिऑक्सीन्यूक्लियोसाइड कहा जाता है। इनमें प्रथम DNA के गुण भी पाए जा चूजे है। यह नव वर्णित रासायनिक प्रतिक्रिया जीवन के अस्तित्व में आने से पहले छोटे डीएनए निर्माण खंडों को इकट्ठा कर सकती थी। इस शोध का प्रकाशन विज्ञान पत्रिका एंगेवांडटते केमी में किया गया है।
दोनों के मिश्रण से पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति हुई: मिली जानकारी के अनुसार शोध में खोजों की एक नवीनतम श्रृंखला का जिक्र किया गया है जो इस संभावना की ओर इशारा करते हैं कि डीएनए और जिसके करीबी RNA समान रासायनिक प्रतिक्रियाओं के उत्पादों के रूप में एक साथ देखने को मिले है, और इन दोनों के मिश्रण से पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत हुई।
पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में और व्यापक शोध की राह प्रशस्त होगी: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि शोध के वरिष्ठ लेखक और स्कि्रप्स रिसर्च में रसायन विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर कृष्णमूर्ति ने कहा कि यह खोज एक विस्तृत रासायनिक मॉडल के विकास की दिशा में एक अहम् चरण है कि पृथ्वी पर पहला जीवन कैसे उत्पन्न होता जा रहा है। इतना ही नहीं सबसे अहम बात यह है कि इससे DNA और RNA के मिश्रण से पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में और व्यापक शोध की राह प्रशस्त होने वाली है। जिससे यह पता चल सकेगा कि किस तरह जीवन का प्रसार अन्य हिस्सों में हुआ।
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