नई दिल्ली: भारतीय रेलवे अब बिजली आपूर्ति के लिए रेलवे के कचरे का उपयोग करने की एक योजना पर काम कर रहा है, इसके लिए रेलवे के किचन से निकलने वाले कचरे का उपयोग किया जाएगा. रेलवे ने इसके लिए स्टेशनों और रेलवे कॉलोनियों में संयंत्र लगाने का फैसला किया है. जिससे रेलवे स्टेशनों में बने कैंटीन, रेलवे कॉलोनियों के घरों में बने किचन के कचरे का इस्तेमाल किया जाएगा. बताया जा रहा है कि 15 टन जैविक कचरे से 2000 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा.
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रेलवे का कहना है कि इससे दूसरे बिजली उत्पादक संयत्रों का दबाव कम होगा और देश के दूसरी जरुरत की जगहों पर ऊर्जा की आपूर्ति हो पाएगी. रेलवे ने दिल्ली की रेलवे कॉलोनी में इस तरह का एक संयत्र स्थापित भी कर दिया है. दरअसल, पर्यावरण संरक्षण और बिजली पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से रेल प्रशासन वैकल्पिक ऊर्जा को विशेष तौर पर बढ़ावा दे रहा है, इसी के तहत रेलवे द्वारा येकदम उठाए गए हैं.
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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने पिछले दिनों रेलवे अधिकारीयों के साथ एक बैठक की थी, जिसमे उन्होंने इस योजना पर अधिकारीयों के साथ विचार विमर्श किया था. उन्होंने अधिकारियों को आइआरसीटीसी के बेस किचन के नजदीक इस तरह के संयंत्र लगाने की संभावना तलाशने को कहा है. अधिकारियों का कहना है कि बेस किचन के नजदीक जैविक कचरा आसानी से उपलब्ध होगा और संयंत्र को चलाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी.
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