भारतीय रेल (Indian Railways) ने नए वर्ष (New Year 2020) का सफर यात्रियों के लिए महंगा कर दिया है. जी हां, रेलवे ने बेसिक किराया बढ़ाने का ऐलान किया है. रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने सामान्य ट्रेनों में एक पैसे प्रति किलोमीटर की बढोतरी की है, हालाँकि मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों में स्लीपर क्लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर बेसिक किराया बढ़ाया गया है. वहीं, एसी की सभी क्लास में यह बढ़ोत्तरी 4 पैसे प्रति किलोमीटर की है. हालांकि रेल किराया बढ़ोत्तरी में लोकल और सबअर्बन ट्रेनों को मौजूद नहीं किया गया है. इन ट्रेनों में किराया पहले की तरह ही रहेगा. बढ़ा हुआ किराया आज से लागू होगा. इसको यदि आप सीधे शब्दों में समझे तो आपको यदि 100 किलोमीटर की रेल यात्रा करनी है तो सामान्य ट्रेनों में सेकेंड क्लास में एक रुपये और स्लीपर में 2 रुपये, जबकि एसी क्लास में सभी श्रेणियों में चार रुपये ज्यादा देने पड़ेंगे, लेकिन रेलवे में ज्यादातर यात्री लंबी दूरी की यात्रा करते हैं, तो उनके लिए ये बढोत्तरी काफी बड़ी हो जाएगी.
इसको ऐसे समझें कि यदि आपको दिल्ली से भोपाल की यात्रा करनी है जो तकरीबन 700 किलोमीटर है तो स्लीपर में आपको अब 14 रुपये, जबकि एसी क्लास में 28 रुपये ज्यादा किराया देना होगा. जाहिर तौर पर लंबी दूरी के यात्रियों पर रेल किराया बढोत्तरी की मार ज्यादा होगी, लेकिन रेलवे किराया बढ़ाने के पीछे अपनी तरह तरह की दलीलें दे रहा है.ज़ी न्यूज़ ने पिछले सप्ताह ही ये ख़बर दी थी कि रेल मंत्रालय किराये में बढोत्तरी करने जा रहा है और साल 2020 की शुरुआत से इसको लागू किया जा सकता है. रेल मंत्रालय ने किराया बढ़ाने के पीछे अपनी तरह तरह की दलील दी हैं. मंत्रालय का कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद रेल मंत्रालय पर वित्तीय बोझ बहुत बढ़ गया था, लिहाजा किराये में बढोत्तरी बेहद जरूरी हो गई थी. रेलवे में 13 लाख कर्मचारी काम करते है.
किराया बढ़ाने के पीछे रेलवे की दलील ये भी है कि पहले से ही रेलवे में यात्री ट्रेनों का परिचालन खर्च बहुत ज्यादा हो जाता है और रेलवे को बार बार घाटा हो रहा है, लिहाजा यात्री ट्रेनों का किराया बढ़ाना जरूरी हो गया था. फिलहाल रेलवे ने ये भी दावा किया है कि यात्रियों को सफर के दौरान स्टेशन से लेकर ट्रेनों में बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिहाज से भी किराया बढ़ाया जा रहा है यानि रेलवे का दावा ये है कि आपसे नये वर्ष में जो बढ़ा हुआ किराया वसूल करेगा. उसके बदले में वो आपको बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा सकता है . रेलवे भले ही किराया बढ़ाने के पीछे जितने दावे करे, लेकिन हकीकत ये है कि न तो अभी यात्रियों को बेहतर सुविधाएं ट्रेनों में मिलती है और न ही कन्फर्म टिकट. ऊपर से ट्रेनों की लेटलतीफी ने यात्रियों का बुरा हाल कर रखा है, परन्तु रेलवे नये साल पर सबकुछ आपको बेहतर सफर के नाम पर किया जा रहा है. रेल किराया एक जनवरी से ही लागू हो जायेगा. यानि रेलवे ने अपने यात्रियों को रेल किराया बढ़ाकर नये साल की सौगात दी है, परन्तु उम्मीद कीजिये कि रेलवे जो दावा कर रहा है कि किराया बढ़ने से जो पैसा आएगा, वो यात्री सुविधाओं को बेहतर करने में लगेगा वो वाकई में रेलवे करके दिखाए.
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