नई दिल्ली : तिब्बत तक रेलवे लाइन पहुंचाकर अपनी सामरिक बढ़त बना चुके चीन को जवाब देने के लिए भारत सरकार अब चीन से जुड़ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक रेल लाइन के विस्तार योजना बनाने पर विचार कर रही है. इसके लिए 1 अप्रैल 2017 को अरुणाचल प्रदेश में वृहद बैठक आयोजित की गई है. इस बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के साथ गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय के अधिकारी सम्मिलित होंगे.
गौरतलब है कि देश कि सरहद से लगे इलाकों में चीन लंबे समय से सड़क, हाइवे और रेल सेवा जैसी बुनियादी सुविधाएं मजबूत करने में लगा है. अब समय की मांग है कि भारत को भी अपने सीमांत प्रदेशों में सामरिक चुनौतियों के मद्देनजर सड़क, हवाई पट्टी और अन्य जरूरी ढांचा विकसित किये जाने की जरुरत है. हालांकि भारतीय रेलवे और गृह मंत्रालय अरुणाचल प्रदेश में नागरिक सेवाओं के साथ-साथ सामरिक कारणों से भी ऐसे दूर-दराज के सीमांत इलाकों को रेल संपर्क के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने की योजना पर अमल कर रहा है, लेकिन उसके प्रयास चीन की तुलना में कम है. फिर भी भारत सरकार लगातार सरहदी इलाकों में बुनियादी ढांचा विकसित करने का अपना एजेंडा पूरा कर रही है.
बता दें कि सरकार अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक रेल लाइन के विस्तार योजना बनाने पर विचार कर रही है. इसके लिए 1 अप्रैल 2017 को अरुणाचल प्रदेश में बैठक करने जा रही है. इस बैठक में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के साथ गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय के अधिकारी शामिल होकर सारे पहलुओं पर विचार करेंगे.
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