लॉकडाउन के बीच शोधकर्ताओं ने ई-कोव-सेंस नामक इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसिंग डिवाइस तैयार की है. इस डिवाइस को भारतीय वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण की त्वरित जांच के लिए बनाया है. डिवाइस को लेकर दावा है कि लार का नमूना रखते ही यह मशीन 10 से 30 सेकेंड में सटीक परिणाम दे देती है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी, हैदराबाद की शोधकर्ता टीम में शामिल प्रमुख वैज्ञानिक ने मीडिया से कहा- लार का नमूना रखते ही यह मशीन कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन एंटीजन की उपस्थिति का सटीक संकेत दे देती है. मशीन की स्वीकृति के लिए सरकार को आवेदन भेजा जा रहा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अलीगढ़, उप्र की मूल निवासी इंस्टीट्यूट की डीन डॉ. सोनू गांधी ने फोन पर बताया- यह इलेक्ट्रोकेमिकल डिवाइस कोरोना वायरस के रैपिड डिटेक्शन के लिए है, जो जांच के दौरान एंटीजन-एंटीबॉडी के बीच होने वाली प्रतिक्रिया और फलस्वरूप उत्पन्न इलेक्ट्रिक चार्ज के प्रवाह पर आधारित है. हमने इसमें स्क्रीन प्रिंटेड कार्बन इलेक्ट्रोड पर कोविड-19 के एंटीबॉडी को स्थिर किया है.
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इसके अलावा सीधे शब्दों में कहें तो डिवाइस में एक इलेक्ट्रोड कोविड-19 के एंटीबॉडी के साथ लेपित है और जब संक्रमित व्यक्ति की लार का नमूना इस पर लगाया जाता है तो यह लार में मौजूद कोविड-19 स्पाइक प्रोटीन एंटीजन के साथ इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्शन करता है, जिससे क्षणिक विद्युत प्रवाह होता है. विद्युत चालकता में होने वाले इस परिवर्तन को यह मशीन माप लेती है. यदि लार में कोविड-19 स्पाइक प्रोटीन (एंटीजन) है तो ही यह प्रतिक्रिया होगी. तब तुरंत पता चल जाएगा कि व्यक्ति संक्रमित है.
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