नई दिल्ली : देश में चीनी निर्यात की संभावनाएं तलाश रही केंद्र सरकार को धीरे-धीरे सफलता मिल रही है। वही मलयेशिया 45,000 टन चीनी भारत से खरीदने के लिए तैयार हो गया है। दरअसल, सरकार ने गन्ना किसानों के बढ़ते बकाये के भुगतान के मद्देनजर चीनी निर्यात करने जैसा कदम उठाया है। निर्यात की संभावनाएं तलाशने के लिए सरकार द्वारा कई टीमें चीन, मलयेशिया और इंडोनेशिया सहित कई अन्य देशों में भेजी गई थीं।
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अभी होता है इतना होता है निर्यात
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशियाई देश भी चीनी खरीदने को तैयार हैं, इसलिए एक टीम जल्द ही एक बार फिर इंडोनेशिया होगी। जानकारी के अनुसार, सरकार अब तक 14 लाख टन चीनी निर्यात करने के लिए करार कर चुकी है। बताया जा रहा है की सितंबर तक कई लाख टन चीनी निर्यात की उम्मीद है। इससे चीनी मिलों को वित्तीय सहायता मिलेगी, जिससे वे गन्ना किसानों का बकाया चुका सकेंगे। चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया बीस हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
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ऐसा है पूरा मामला
जानकारी के लिए बता दें सरकार ने गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए 2018 में कई कदम उठाए थे। इसके बावजूद पिछले सीजन का एक चौथाई बकाया रह गया था, जो लगातार बढ़ रहा है। वही उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में चीनी मिलें गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं कर पा रही हैं, जबकि सरकार ने बकाया चुकाने को मिलों के लापरवाह रवैये के चलते बफर स्टॉक पर सब्सिडी देने के लिए निर्यात की अनिवार्य शर्त रखी है।
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