अधिकतर भारतीयों का ये ही मानना है कि महिला खिलाड़ियों को भी पुरुष खिलाड़ियों के समान ही भुगतान मिलना जरुरी हैं लेकिन 38 प्रतिशत का कहना है कि जिन खेलों में महिलाएं शामिल होती हैं वे पुरुषों वाले खेलों की तुलना में अधिक मनोरंजक नहीं होते हैं. एक शोध के दौरान में यह नतीजा निकला है.
इस शोध में 14 भारतीय राज्यों के 10181 लोगों के जवाब शामिल किए गए हैं जिनमें से तीन चौथाई लोगों का कहना था कि उनके जीवन में खेल महत्वपूर्ण हैं लेकिन केवल 36 प्रतिशत ही किसी तरह के खेल या शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा ले पाते हैं. इसमें इसके साथ ही कहा गया है कि 42 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि उन्होंने खेलों में हिस्सा लिया है जबकि ऐसी महिलाओं की संख्या केवल 29 प्रतिशत ही है. जो लोग 15 से 24 साल के हैं वे अधिकतर खेल खेलते हैं.
शोध से ये भी पता चला है कि जो अविवाहित हैं उनके खेलों में भाग लेने की अधिक संभावना होती है. अविवाहितों में 54 प्रतिशत खेलों में हिस्सा लेते हैं जबकि ऐसे विवाहित या तलाकशुदा लोगों की संख्या 30 फीसदी है. इसमें कहा गया है कि 41 प्रतिशत का मानना है कि महिला खिलाड़ी भी पुरुष खिलाड़ियों के समान ही बेहतर हैं.
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