नई दिल्ली: भारत ने पारंपरिक चिकित्सा (Traditional Medicine) को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के साथ एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) ने कल गुजरात के जामनगर में भारत में पारंपरिक चिकित्सा के लिए WHO ग्लोबल सेंटर की स्थापना के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है. इस समझौते से उत्साहित पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह WHO सेंटर हमारे समाज में तंदुरुस्ती बढ़ाने में बहुत सहायता करेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी (PM narendra modi) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए बताया कि भारत की पारंपरिक दवाएं एवं स्वास्थ्य पद्धतियां विश्व स्तर पर बहुत मशहूर हैं. यह WHO सेंटर हमारे समाज में तंदुरुस्ती बढ़ाने में बहुत सहायता करेगा.इससे पहले आयुष मंत्रालय ने कल गुजरात के जामनगर में भारत में पारंपरिक चिकित्सा के लिए WHO ग्लोबल सेंटर की स्थापना को लेकर WHO के साथ मेजबान देश समझौते (Host Country Agreement) पर हस्ताक्षर किया है, जिसका अंतरिम कार्यालय गुजरात में द इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद में मौजूद है.
आयुष मंत्रालय ने यह भी कहा कि GCTM का प्राथमिक उद्देश्य आधुनिक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के जरिए विश्व भर से पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता का दोहन करना तथा विश्व भर के समुदायों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना है. समझौते को लेकर WHO ने कल शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि WHO एवं भारत सरकार ने आधुनिक विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के जरिए पारंपरिक दवाओं की क्षमता को अधिकतम स्तर तक करने के लिए WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन स्थापित करने पर मंजूरी जताई है.
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