लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव के गंगाघाट क्षेत्र के अखलॉक नगर के रहने वाले नसीम अहमद और उनकी पत्नी अर्शिया फातिमा ने सारी दुआएं अपनी बेटी के हक में पढ़ दी, जब पता चला कि उनकी बेटी फातिमा यूक्रेन में रुस की जंग में फंस गई है. अब उनकी सारी दुआएं कबूल हो चुकी हैं. क्योंकि अब उनकी बेटी यास्मीन सुरक्षित घर वापस आ गई है. काफी मशक्कत के बाद शुक्रवार दोपहर वह फ्लाइट से मुंबई हवाई अड्डे पहुंची. इसकी जानकारी उसने अपने परिजनों को दी.
यह सुनकर परिवार वालों में खुशी की लहर दौड़ गई. यूक्रेन में युद्ध के बीच फंसी जाजमऊ के इकलाख नगर की यासमीन शुक्रवार को आखिरकार वतन आ गई. देर शाम हवाई अड्डे पर यास्मीन को देखकर माता-पिता खुशी के आंसू रोक नहीं पाए. यास्मीन भी सुबकी, मगर उन्होंने खुद को संभाला और पिता से बोली पापा अब क्यों आंसू बहा रहे हो, देखो आपकी बहादुर बेटी हंस रही है. बेटी के सकुशल वापसी आने पर माता-पिता की आंखें भर आई.
इसके बाद परिजन बेटी को लेकर देर रात घर के लिए अमौसी हवाई अड्डे से रवाना हुए और भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही ऑपरेशन गंगा अभियान की तारीफ की. यासमीन ने कहा कि मेरे अभी कई साथी फंसे हुए हैं, हम चाहते हैं कि वह भी जल्द वापस आ जाएं. यासमीन ने ऑपरेशन गंगा की तारीफ करते हुए कहा कि, मैं बीच यूक्रेन के खारकीव में फंसी हुई थी, चारों ओर अफरातफरी का माहौल था. बम मोटर दगने की अवाजें लगातार आ रही थीं. हमें काफी डर लग रहा था, मेट्रो स्टेशन पर रात बीतती थी, भूखे भी रहना पड़ा. जब छात्र की मौत हुई तब और डर लगा. मगर फिर हिम्मत कर के खारकीव छोड़ा और हंगरी पहुंची. वहां से हमें सुरक्षित लाया गया. देश के पीएम को धन्यवाद करती हूं. यूक्रेन में भारत का दबदबा है.
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