नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ के ऐलान के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। देश के कई राज्यों में बीते कुछ दिनों से इस योजना का हिंसक विरोध देखने को मिल रहा है। कई जगह रेलवे और अन्य सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। इस बीच देश के कई बड़े कॉरपोरेट घराने और दिग्गज उद्योगपति केंद्र सरकार की इस योजना का समर्थन किया है। इस फेहरिस्त में ताजा नाम शामिल हुआ है, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का।
चंद्रशेखरन ने न केवल इस योजना की तारीफ की, बल्कि ये भी कहा कि टाटा समूह की कंपनियां अग्निवीरों (Agniveer) को 4 वर्षों की सैन्य सेवा के बाद नौकरी में प्राथमिकता देंगी। उल्लेखनीय है कि टाटा संस के प्रमुख से पहले महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा, RPG एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका, बायोकॉन लिमिटेड की चेयरपर्सन किरण मजूमदार-शॉ और अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी जैसे उद्योगपति अग्निपथ योजना की तारीफ कर चुके हैं।
चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा है कि, 'अग्निपथ योजना युवाओं के लिए केवल देश के सैन्य बलों में सेवा प्रदान करने का शानदार मौका नहीं है, बल्कि यह टाटा समूह सहित पूरे उद्योग जगत के लिए बेहद अनुशासित व प्रशिक्षित युवा भी मुहैया कराएगी। टाटा समूह में हम सभी अग्निवीरों की क्षमताओं से अवगत हैं और उन्हें इस संबंध में अवसर प्रदान करने का स्वागत करते हैं।'
महिंद्रा समूह में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता:-
इससे पहले महिंद्रा ग्रुप के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने अग्निपथ को लेकर देश में हो रही हिंसक घटनाओं पर दुख प्रकट किया था। उन्होंने कहा था कि, 'अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद जिस प्रकार की हिंसा हो रही है, उससे दुखी और निराश हूं। गत वर्ष जब इस योजना पर विचार किया जा रहा था, तब मैंने कहा था कि अग्निवीरों को जो अनुशासन और कौशल मिलेगा, वह युवाओं को उल्लेखनीय रूप से रोजगार के योग्य बनाएगा। महिंद्रा ग्रुप इस तरह के प्रशिक्षित व सक्षम युवाओं को हमारे यहां भर्ती (नौकरी) का अवसर प्रदान करेगा।'
इन उद्योगपतियों ने भी किया अग्निपथ का समर्थन:-
गोयनका ने भी आनंद महिंद्रा के ट्वीट को शेयर करते हुए अग्निपथ का समर्थन किया था। उन्होंने भी अपने समूह की कंपनियों में अग्निवीरों को नौकरी का अवसर देने की घोषणा की थी। बाद में किरण मजूमदार-शॉ और संगीता रेड्डी ने भी सैन्य भर्ती की इस नई योजना का समर्थन करते हुए कहा था कि यह योजना युवाओं को अनुशासित और रोजगार के ज्यादा योग्य बनाने वाली है।
फिर क्यों हो रहा विरोध:-
बता दें कि अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून को हुई थी। इसके तहत युवाओं को तीनों सैन्य बलों में 04 साल तक सेवा देने का अवसर दिया जा रहा है। इनमें से 25 फीसद युवाओं को सेना में स्थाई कर दिया जाएगा। देश में इस योजना के विरोध का मुख्य कारण यही है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चार वर्षों के बाद उनके सामने एक बार फिर से बेरोजगार होने का जोखिम रहेगा। हालांकि, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय अपनी भर्तियों में अग्निवीरों को 10 फीसद आरक्षण देने का ऐलान कर चुके हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, असम की भाजपा शासित सरकारें राज्य पुलिस में अग्निवीरों को भर्ती करने की बात कह चुकी हैं। लेकिन विपक्ष इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर सेना ने स्पष्ट कर दिया है कि अब जो भी भर्तियां होंगी, वे अग्निपथ योजना के जरिए ही होंगी।
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