नई दिल्ली: बांग्लादेश में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ के संदर्भ में वहां के कुछ संगठनों ने भारत पर आरोप लगाए हैं कि उसने त्रिपुरा के बांध को खोल दिया, जिसके कारण बांग्लादेश के निचले हिस्सों में तबाही मच गई। इस मुद्दे पर भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इन आरोपों को निराधार बताया है। विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को अपने बयान में कहा, "हमने बांग्लादेश में व्यक्त की गई चिंताओं को देखा है, जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि बांग्लादेश की पूर्वी सीमाओं के जिलों में बाढ़ त्रिपुरा में गोमती नदी के ऊपर डंबुर बांध के खुलने के कारण आई है। लेकिन यह आरोप तथ्यात्मक रूप से निराधार हैं। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली गोमती नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में हाल ही में अत्यधिक भारी बारिश हुई है, जिससे दोनों देशों में समस्या उत्पन्न हुई है।"
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि डंबुर बांध सीमा से लगभग 120 किमी दूर स्थित है तथा यह एक कम ऊंचाई का बांध है जो बिजली उत्पन्न करता है। 21 अगस्त से पूरे त्रिपुरा और बांग्लादेश के आसपास के जिलों में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारत बांग्लादेश के साथ स्थिति की रिपोर्ट साझा कर रहा है तथा 21 अगस्त को बांग्लादेश को अलर्ट भेजा गया था, हालांकि बिजली गुल होने के कारण रिपोर्ट भेजने में समस्या आई। फिर भी, हमने डेटा के तत्काल प्रसारण के लिए अन्य माध्यमों से संचार बनाए रखा है।
भारत विरोधी प्रोपेगेंडा
बांग्लादेश में कई संगठनों ने आरोप लगाया है कि भारत ने बिना किसी पूर्व सूचना के बांध के गेट खोल दिए, जिससे बांग्लादेश के बड़े हिस्से में पानी भर गया। सोशल मीडिया पर भी भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत ने यह कदम बांग्लादेश में हाल ही में सत्ता परिवर्तन के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में उठाया है। आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन के बाद भारत ने जानबूझकर इस बाढ़ को पैदा किया जिससे नई सरकार पर दबाव डाला जा सके।
जमात-ए-इस्लामी और छात्र शिविर जैसे संगठनों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने की कोशिश की है। इन संगठनों ने जनता के बीच यह संदेश फैलाया है कि भारत बांग्लादेश के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपना रहा है तथा यह बाढ़ उसी की साजिश का हिस्सा है। सोशल मीडिया पर फैल रहे इन संदेशों ने जनता में चिंता और आक्रोश उत्पन्न कर दिया है।
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