नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान के उन दोषों को ‘झूठ’ करार दिया है, जिसमें उसने बीते माह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बस पर हुए बम हमले में भारतीय खुफिया एजेंसी का सपोर्ट होने की बात कही थी। भारत ने कहा कि यह क्षेत्रीय अस्थिरता का ‘केंद्र’ एवं प्रतिबंधित दहशतगर्दो की ‘शरणस्थली’ होने की पाकिस्तान के किरदार से अंतराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बांटने की कोशिश है।
उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई को निर्माणाधीन दासू बांध के स्थल पर चीनी इंजीनियरों एवं मजदूरों को ले जा रही बस में विस्फोट से 13 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। तत्पश्चात, पाकिस्तान ने इस मामले की तहकीकात करने के आदेश दिये थे। इसमें नौ चीनी इंजीनियर एवं चार अन्य व्यक्ति मारे गए थे। इस केस में पाकिस्तानी विदेश मंत्री के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि यह पाकिस्तान की तरफ से भारत की छवि धूमिल करने की एक और कोशिश है जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता का ‘केंद्र’ एवं प्रतिबंधित दहशतगर्दो की ‘शरणस्थली’ होने में उसके किरदार से अंतराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बांटा जा सके।
गौरतलब है कि गुरुवार (12 अगस्त) को इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हमले की तहकीकात पूरी होने का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया था कि इसके पीछे भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) तथा अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा महानिदेशालय का हाथ है।
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