भारत की बेरोजगारी दर जुलाई में चार महीनों में सबसे निचले स्तर पर आ गई, जिससे अर्थव्यवस्था में एक उम्मीद के मुताबिक सुधार के संकेत मिले, जहां बिक्री कर संग्रह और कुछ वस्तुओं की मांग ने एक पलटाव का संकेत दिया है। भारत की बेरोजगारी दर जुलाई में चार महीने के सबसे निचले स्तर 6.95 प्रतिशत पर आ गई। निजी शोध फर्म सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने बेरोजगारी दर 9.17 प्रतिशत थी।
जहां ग्रामीण बेरोजगारी दर घटकर 6.3 प्रतिशत हो गई, वहीं शहरी बेरोजगारी 8 प्रतिशत से ऊपर रही। जुलाई में समाप्त होने वाले पहले चार हफ्तों के दौरान बेरोजगारी दर गिर गई। 4 जुलाई को समाप्त सप्ताह में यह 7.3 प्रतिशत था। 18 जुलाई को समाप्त सप्ताह में यह गिरकर 6 प्रतिशत पर आ गया। 25 जुलाई को समाप्त सप्ताह में एलपीआर बढ़कर 41 प्रतिशत से अधिक हो गया, बेरोजगारी दर बढ़कर 7.1 प्रतिशत हो गई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई सितंबर 2020 में बेरोजगारी दर बढ़कर 13.3 प्रतिशत हो गई है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 8.4 प्रतिशत थी। बेरोजगारी या बेरोजगारी दर (यूआर) को श्रम बल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है। आठवें आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण से पता चला है कि अप्रैल-जून 2020 में यूआर 20.9 प्रतिशत था।
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