नई दिल्ली: पाकिस्तान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र (UN) में कश्मीर का राग अलापा तो भारत ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। संयुक्त राष्ट्र (UN) की बुधवार को हुई मीटिंग में पाकिस्तान ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के चीफ यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा दिए जाने का भी मुद्दा उठाया। UN में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने भारत सरकार पर कश्मीरियों के उत्पीड़न का इल्जाम लगाया।
उन्होंने कहा कि भारत की एक कोर्ट ने आतंकवाद के झूठे आरोपों में यासीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पाकिस्तान के राजनयिक के बयान पर UN में भारत की प्रतिनिधि विदिषा मैत्रा ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवाद पर फ़ौरन लगाम लगाने के लिए कहा। विदिषा मैत्रा ने UN में पाकिस्तान के प्रत्येक आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। पाकिस्तान के प्रतिनिधि कासिम अजीज बट ने भारत के इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है। उन्होंने इसके लिए 1948 की संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावना क्रमांक 47 समेत कई अन्य प्रस्तावों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल 25 के मुताबिक, इन प्रस्तावों का पालन करने हेतु बाध्य है।
बट ने कहा कि, किसी क्षेत्र पर कब्जा करने वाला ही UN के प्रस्तावों का विरोध करेगा। बट ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला सबसे बड़ा देश है। उन्होंने कहा कि, आज के असहिष्णु भारत में 20 करोड़ अल्पसंख्यक मुसलमानों की RSS की सांठगांठ से गौरक्षकों के जरिये लिंचिंग की जा रही है। ऐसे भेदभावपूर्ण नागरिकता कानून बनाए जा रहे हैं, जिससे मुस्लिमों को बाहर किया जा रहा है। मस्जिदों और भारत की समृद्ध मुस्लिम विरासत को नष्ट करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
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