नई दिल्ली: कोरोना की वजह से उड़ानों पर प्रतिबंध के कारण देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो को 31 मार्च को समाप्त पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 870.81 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ है। एयरलाइन के निदेशक मंडल की आज हुई मीटिंग में वित्तीय परिणामों को मंजूरी प्रदान की गयी। अंतिम तिमाही में हुये घाटे की वजह से पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कंपनी को 233.68 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण गत वर्ष फरवरी से ही कई मार्गों पर अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगने शुरू हो गये थे और 25 मार्च से देश में यात्री उड़ानों पर पूरी तरह बैन लग गया था। एक वर्ष पूर्व की तुलना में एयरलाइन का कुल राजस्व 16.41 फीसद घटकर 8,634.62 करोड़ रुपये रह गया जबकि कुल लागत 1.54 फीसद बढ़कर 9,9243.93 करोड़ रुपये पर पहुँच गया। इस वजह से कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा। हालाँकि उड़ानों पर बैन से विमान ईंधन के मद में उसकी लागत 3,341.94 करोड़ रुपये से कम होकर 2,860.36 करोड़ रुपये रह गयी।
इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोनोजॉय दत्त ने परिणामों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुये विश्वास जताया कि इस संकट से उबर कर कंपनी दुबारा मजबूत होगी। उन्होंने कहा "हर संकट के बीच मौका भी होता है। हम इस संकट से और मजबूत बनकर उभरने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ज्यादा दक्ष बेड़ा बनाने और कम लागत का ढाँचा विकसित करने की तरफ बढ़ रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते एयरलाइन को काफी कुछ सीखने के लिए भी मिला है।
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