2019 का महाराष्ट्र चुनाव याद है... तब अचानक विधानसभा चुनाव में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आए थे। तब भाजपा ने ये ऐलान कर कर दिया था कि महाराष्ट्र में सत्ता में आने पर वह वीर सावरकर के नाम को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए आगे बढ़ाएगी। इसके बाद कांग्रेस ने वीर सावरकर पर कई सवाल खड़े कर दिए थे और यहाँ तक की उन्हें माफीवीर भी कह दिया था।
#IndiraGandhi ,as Prime Minister, praises Veer Sarvarkar in writing. pic.twitter.com/PRHLHGCyII
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) October 17, 2019
कांग्रेस द्वारा यह तर्क दिया गया कि कालापानी से वापस आने के लिए सावरकर ने अंग्रेजो को माफीनामा लिखकर दिया था, इसलिए वह भारत रत्न के हकदार नहीं हैं। लेकिन इसके बाद इंदिरा गांधी की एक चिट्ठी ने कांग्रेस का मुंह बंद कर दिया। बता दें कि आज भले ही कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का मुखर विरोध कर रही हो, मगर यही कांग्रेस अतीत में उनके सम्मान में कसीदे भी पढ़ चुकी है। 2019 में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक ट्वीट किया था, जिसमें 1980 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी द्वारा लिखी गई एक चिट्ठी थी।
इस ट्वीट में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लिखा था कि 'इंदिरा गांधी ने PM रहते वीर सावरकर की चिट्ठी में लिखकर प्रशंसा की थी'। इसी दौरान एक अन्य भाजपा नेता अमित मालवीय ने दावा किया था कि इंदिरा गांधी ने सावरकर के सम्मान में डाक टिकट जारी करने के साथ ही अपने निजी बैंक अकाउंट से सावरकर ट्रस्ट को 11 हजार रुपये दान किए थे। दावे के अनुसार, इंदिरा गांधी ने फिल्म्स डिवीजन को ‘महान स्वतंत्रता सेनानी’ पर डॉक्युमेट्री बनाने का आदेश दिया था और इसे उन्होंने खुद ही क्लीयर भी किया था। लेकिन आज जो कांग्रेस और खुद राहुल गांधी, वीर सावरकर को माफीवीर कहते हैं, उन्हें ये जरूर बताना चाहिए कि इस मुद्दे पर उनकी दादी इंदिरा सही थी या खुद राहुल ?
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