कभी इंदिरा गांधी ने BBC पर लगाया था बैन, आज मोदी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने को कांग्रेस क्यों बैचैन ?

कभी इंदिरा गांधी ने BBC पर लगाया था बैन, आज मोदी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने को कांग्रेस क्यों बैचैन ?
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नई दिल्ली: हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में ब्रिटिश मीडिया एजेंसी BBC को प्रतिबंधित करने की याचिका दायर की गई है। इस जनहित याचिका (PIL) में BBC पर बैन लगाने की मांग करते आरोप लगाया गया है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को तोड़ने का षड्यंत्र रच रही है। हिंदू सेना ने अपनी याचिका में कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री ‘India: The Modi Question’ के माध्यम से न केवल पीएम मोदी की इमेज खराब करने का प्रयास किया गया, बल्कि भारत के सामाजिक ताने-बाने को चोट पहुंचाने की भी कोशिश की गई। स्वतंत्रता के समय से ही BBC भारत विरोधी काम कर रहा है और स्वतंत्र राज के बाद भी निरंतर भारत विरोधी प्रचार-प्रसार कर रहा है।

हिन्दू सेना ने अपनी याचिका में इंदिरा गाँधी सरकार द्वारा 1970 में BBC पर लिए गए एक्शन का भी जिक्र किया गया है। वहीं, सरकार द्वारा BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर लगाए गए बैन के खिलाफ भी एक PIL दाखिल की गई है। वकील एमएल शर्मा ने अपनी PIL में आरोप लगाते हुए कहा है कि सच्चाई को दबाने के उद्देश्य से भारत में डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाया गया। उन्हें मोदी सरकार के 21 जनवरी के उस फैसले को निरस्त करने की मांग की है, जिसके तहत डॉक्यूमेंट्री प्रतिबंधित की गई थी। बता दें कि, इस डॉक्यूमेंट्री में 59 हिंदुओं को मुस्लिम भीड़ द्वारा जिन्दा जला डालने के बाद भड़के गुजरात दंगों का दोष पीएम मोदी पर मढ़ने की कोशिश की गई है। गौर करने वाली बात तो ये है कि, सुप्रीम कोर्ट खुद गुजरात दंगा मामले में पीएम मोदी को क्लीन चिट दे चुकी है, वहीं, गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ फर्जी सबूत गढ़ने के मामले में कांग्रेस की करीबी तीस्ता सीतलवाड़ पर केस भी चल रहा है। आरोप है कि, तीस्ता ने कांग्रेस से पैसे लेकर तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ फर्जी सबूत गढ़े और उनकी सरकार को गिराने का प्रयास किया। अब वही झूठ फैलाने का काम BBC भी कर रहा है, जिसके चलते केंद्र सरकार ने उस पर बैन लगाया है। लेकिन, दिलचस्प बात तो ये है कि, पीएम मोदी को क्लीन चिट देने वाली सुप्रीम कोर्ट अब उन (मोदी) पर दोष मढ़ने वाली BBC की डॉक्यूमेंट्री पर लगाए गए बैन के खिलाफ सुनवाई करेगी। 

जब इंदिरा गाँधी ने BBC पर लगाया था बैन:-

बता दें कि, हिन्दू सेना ने अपनी याचिका में BBC पर बैन लगाने की मांग करते हुए इंदिरा गाँधी के जिस फैसले का उदाहरण दिया है, वह 1970 में लिया गया था। दरअसल, 1970 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने उस वक्त BBC पर बैन लगा दिया था, जब एक शो में भारत की नकारात्मक तस्वीर पेश की गई थी। 1970 में, जब फ्रांस के डायरेक्टर लुइस मैले की डॉक्यूमेंट्री सीरीज BBC पर दिखाई गई, तो इसके परिणामस्वरूप दिल्ली स्थित BBC का कार्यालय 2 वर्षों के लिए बंद कर दिया गया था। 

1970 की गर्मियों में लुइस मैले की 2 डॉक्यूमेंट्री कलकत्ता और फैंटम इंडिया को ब्रिटिश टेलीविजन पर दिखाया गया था। इस प्रसारण के बाद ब्रिटेन में बसे भारतीयों ने BBC की जमकर आलोचना की थी। विरोध का ये स्वर दिल्ली पहुंचा और सरकार को भी इसकी भनक लगी। तब इंदिरा गांधी देश की पीएम थीं। इन दोनों डॉक्यूमेंट्रीज में भारत में हर दिन की जिंदगी दर्शाई गई थी। भारत सरकार ने इस फिल्मांकन को पूर्वाग्रह से ग्रसित और भारत को गलत रूप से पेश करने वाला बताया था। इसके परिणामस्वरूप BBC को भारत को 2 वर्षों के लिए बाहर कर दिया गया था। वहीं, 1975 में जब इंदिरा गाँधी ने देश में आपातकाल लगाया था, तब भी BBC ने अपने संवाददाता मार्क टुली को दिल्ली से वापस बुला लिया था। हालांकि, जिस कांग्रेस ने कभी BBC पर बैन लगाया था, वही आज पीएम मोदी पर BBC द्वारा बनाई गई विवादित डॉक्यूमेंट्री का पक्ष ले रही है और सरकार द्वारा बैन करने के बावजूद पार्टी सियासी लाभ के लिए इसकी स्क्रीनिंग कर रही है।  

BBC और सरकार में पुरानी तकरार :-

मार्च 2015 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने BBC की एक डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करने के फैसले को सही ठहराया था। इस वृतचित्र में दिल्ली के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषी मुकेश सिंह को दिखाया जा रहा था। इस डॉक्यूमेंट्री के इंटरनेट प्रसारण पर भी सरकार ने रोक लगा दी थी।  2017 में एक बार फिर बीबीसी को भारत के नेशनल उद्यानों और वन्यजीव अभ्यारण्यों में शूटिंग करने से 5 वर्षों के लिए रोक दिया गया था। भारत सरकार के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि, उस समय BBC की जंगली जानवरों के शिकार से संबंधित एक डॉक्यूमेंट्री के कारण भारत की छवि को गहरा धक्का पहुंचा था।  

भारत विरोध में फर्जी स्टोरी भी दिखा चुका है BBC :-

जून 2008 में भारत सरकार और BBC के बीच एक बार फिर टकराव देखने को मिला था। उस समय BBC ने एक पैनोरमा शो में एक फुटेज दिखाया, जिसमें बच्चे एक वर्कशॉप में काम करते हुए नज़र आ रहे थे। यह दिखाने की कोशिश की गई थी कि, भारत में बच्चों की स्थिति किस कदर बदतर है। इस पर जमकर बवाल मचा था और बाल श्रम को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। हालांकि, बाद में ये स्टोरी ही फर्जी निकली थी। BBC की सरकारी बॉडी ने फैसला सुनाया था कि एक प्रमुख खोजी रिपोर्टिंग कार्यक्रम ने बेंगलुरु के वर्कशॉप में कपड़ों की सिलाई करने वाले बच्चों की नकली फुटेज तैयार की थी और उसे टेलीकास्ट कर दिया था।

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