जकार्ता: वित्तीय मुद्दों पर अपनी नज़र रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ने बीते शुक्रवार यानी 21 फरवरी 2020 को म्यांमार को मनी लांड्रिंग की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में कर दिया है. जहा संस्थान ने म्यांमार से ड्रग उत्पादन और अपराध पर शिकंजा कसने को कहा है.
एफएटीएफ ने म्यांमार को मनी लांड्रिंग की निगरानी सूची ग्रे लिस्ट में डाल दिया: वहीं एफएटीएफ ने म्यांमार को ग्रे लिस्ट में डालते हुए मनी लांड्रिंग के मुद्दों पर रोक लगाने की बात कही है. इस मामले पर प्रतिक्रिया के लिए म्यांमार सरकार का कोई प्रतिनिधि शुक्रवार को उपलब्ध नहीं हो सका, लेकिन इसी सप्ताह एफएटीएफ की बैठक में शामिल होने आए उसके प्रतिनिधि केडब्ल्यू थेईन ने बुधवार को कहा था कि उनका देश मनी लांड्रिंग पर शिकंजा कसने में सक्षम है.
म्यांमार ने मनी लांड्रिंग के मामलों पर रोक लगाने की असफल कोशिश की है: मिली जानकारी के अनुसार एफएटीएफ का मुख्यालय पेरिस में है और यह अंतरसरकारी एजेंसी है. जंहा उसने अपने बयान में कहा कि म्यांमार ने मनी लांड्रिंग के मामलों पर रोक लगाने की भरसक कोशिश की है, लेकिन प्रमुख क्षेत्रों में उसके प्रयास में कमी अब भी दिखाई देती है.
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा: वहीं यह बह कहा जा रहा है कि पेरिस में एफएटीएफ का पूर्ण सत्र की बैठक में पाकिस्तान को लेकर बड़ा फैसला सुनाया गया. इस पूरे सत्र में पाकिस्तान मुख्य एजेंडे में रहा. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है. इस दौरान आतंकी फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को एफएटीएफ की निगरानी सूची में बनाए रखने को कहा गया. गौरतलब है कि आतंकी फंडिंग समेत काले धन का प्रवाह रोकने के लिए पूरे विश्व में एक समान नियम कानून बनाने के लिए बनाई गई संस्था एफएटीएफ की पिछले रविवार से पेरिस में बैठक चल रही है और इसका फैसला शुक्रवार को सामने आया है.
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