इंदौर: शहर के पूर्व कलेक्टर को कोरोना सक्रमण से निपटने में लापरवाही को लेकर हटाया गया था. जिसके बाद नए कलेक्टर ने पदभार संभाला है. उनके पद संभालने के बाद से प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. साथ ही, कोरोना वायरस से बचाव के चलते प्रशासन के आह्रवान के बाद शहर पूरी तरह लॉक डाउन है. कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस से डरें नहीं क्योकि 65 प्रतिशत पेशेंट को पता ही नहीं चलता. वे घर में रहकर ठीक भी हो जाते हैं. 10 से 15 प्रतिशत कुछ सावधानी रखकर और अस्पताल में रहकर ठीक हो जाते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कलेक्टर ने कहा कि अभी जो किया है वह काफी जरूरी था. 24 घंटे के लिए सख्ती जरूरी थी . 24 घंटे पूरे शहर को सैनिटाइज करने के लिए बहुत जरूरी था. हम भी जानते हैं सख्ती से शहर कि जनता को परेशानी हुई है पर ये जरूरी है. आज शाम को 5:00 से 7:00 दूध बांटा जाएगा. सांची दुग्ध संघ वालों से हमारी बात हो गई है और जो लोग गाड़ी लेकर आते हैं उनको ना रोका जाए . कलेक्टर के अनुसार कल शहर में सात पेशेंट पॉजिटिव आए हैं. जहां भी व्यक्ति पॉजिटिव पाया जा रहा है उसके परिवार को क्वारेंटाइन में डाल रहे हैं. वहां अन्य व्यवस्था की है. उनकी लैब टेस्टिंग की जा रही है ताकि हम और लोगों को यह रोग होने से रोक पाएं.
अपने बयान में कलेक्टर मनीष सिंह ने आगे कहा कि जिन लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है उन्हें 14 दिन अलग रखा जाएगा उनकी टेस्टिंग की जाएगी कुछ मरीजों को मैरिज गार्डन में क्वारेंटाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य चुनौती नयापुरा, रानीपुरा ,हाथीपाला जैसे इलाकों में हालातों से निपटना है. चंदन नगर में भी हालातों पर काफी हद तक नियंत्रण कर दिया है. रात भर में लगभग 100 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया. ऐसे ही खजराना में भी काफी लोगों को शिफ्ट किया है. आज आजाद नगर में एक आया है वहां भी हम कार्रवाई कर रहे हैं.
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