इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में कैदी को भगाने वाले पुलिसकर्मी को अदालत ने 1 वर्ष की सजा सुनाई है। पुलिसकर्मी द्वारा 2009 में अदालत में पेशी के चलते कैदी को फरार कर दिया गया था, जिसके पश्चात् वे स्वयं भी अदालत से गायब हो गया था। इस मामले में पुलिस ने अपराधी की तलाश में तहकीकात आरम्भ की। तत्पश्चात, अपराधी पुलिसकर्मी और कैदी की सांठगांठ साबित हुई तथा वर्ष 2010 में उसके खिलाफ चार्जसीट दाखिल किया गया। घटना के 14 वर्ष पश्चात् इंदौर जिला अदालत ने एक वर्ष की सजा के साथ 2 हजार रुपए का जुर्म भी लगाया है।
दरअसल, DRP लाइन में कार्यरत पुलिसकर्मियों की कई जगह ड्यूटी लगाई जाती है। इसी क्रम में सिंतबर 2009 में DRP पुलिस लाइन से कुछ जवानों को अदालत में पेशी के लिए तैनात किया गया। जिन्हें जेल में बंद 80 पुरुष एवं 4 महिला कैदी को अदालत में पेश करना था। इन्हीं जवानों में एक तुकाराम नामक पुलिसकर्मी भी सम्मिलित था। जिसे इंदौर जिला अदालत में कैदी मनोज कुमार को पेश करना था। तुकाराम मनोज कुमार को अपने साथ अदालत ले जाने के लिए हवालात से निकाला। मगर बहुत समय बाद भी दोनों अदालत नहीं पहुंचे। इसके के चलते कैदी मनोज और पुलिसकर्मी मनोज दोनों भाग गए।
मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त हुई खबर के मुताबिक, पुलिसकर्मी तुकाराम ने हवालात से कैदी को ले जाते समय हाजिरी रजिस्टर में अपने साथ एक और पुलिसकर्मी अंकित का नाम लिखवाया था। मगर वह उसके साथ नहीं गया। इधर कैदी मनोज और पुलिसकर्मी के गायब होने की खबर लगते ही पुलिस अफसरों में खलबली मच गई। पुलिकर्मियों द्वारा तुकाराम के घर पर छापा मारा गया लेकिन वह गायब मिला। पुलिसकर्मी द्वारा इस मामले में में सपष्ट हुआ कि तुकाराम ने सांठगांठ कर मनोज कुमार को फरार करवाया है। पुलिस द्वारा उक्त मामले की तहकीकात पूरी कर 2010 में चार्जसीट को अदालत में दाखिल किया गया। तुकाराम को बयानों एवं सबूतों के आधार पर 14 वर्ष पश्चात् अदालत ने तत्कालीन पुलिस आरक्षक तुकाराम को एक वर्ष की सजा सुनाई है।
बेटी आराध्या संग बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन करने पहुंची ऐश्वर्या राय, जानिए सच्चाई
दूसरे मजहब की लड़की से शादी करना हिन्दू युवक को पड़ा भारी, मंदिर के सामने कर डाली हत्या
दुल्हन को मेकअप करवाना पड़ा भारी, ICU में हुई भर्ती, शादी पोस्टपोन