MBA पेपर लीक मामले में इंदौर पुलिस ने 3 आरोपियों को दबोचा, जांच जारी

MBA पेपर लीक मामले में इंदौर पुलिस ने 3 आरोपियों को दबोचा, जांच जारी
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इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में MBA पेपर लीक मामले में इंदौर पुलिस की टीम ने 7 जून को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) ने 30 मई 2024 को FIR दर्ज कराई थी। अधिकारियों ने बताया कि, "दो विषयों - क्वांटिटेटिव टेक्नीक और अकाउंटिंग फॉर मैनेजर्स के पेपर आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रमुख के कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा तीसरे सेमेस्टर के एक छात्र को लीक कर दिए गए।"

इंदौर के एडिशनल DCP रामसनेही मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि, "यह मामला तब प्रकाश में आया जब DAVV के कुछ छात्र लगातार पेपर लीक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। मामले की जांच के लिए ACP तुषार सिंह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी उमेश यादव के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई थी। क्वांटिटेटिव टेक्नीक और अकाउंटिंग फॉर मैनेजर्स विषय के दो पेपर क्रमश: 25 मई और 28 मई को लीक हुए थे।" उन्होंने बताया कि, "प्रारंभिक जांच में तकनीकी टीम और कुछ छात्रों की मदद से टीम को सोशल मीडिया पर पेपर लीक की जड़ का पता चला। तीसरे सेमेस्टर के छात्र गौरव सिंह गौर ने पहले सेमेस्टर के छात्र धीरज नरवरई के साथ पेपर शेयर किया था।"

उन्होंने आगे बताया, "आगे की जांच में टीम को पता चला कि आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक सोलंकी ने परीक्षा के पेपर लीक किए और उन्हें गौरव सिंह गौर को बेच दिया। गौरव पिछले सेमेस्टर में इन पेपरों में पिछड़ चुका था।" उन्होंने कहा, "इस बीच, अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने इन पेपरों को धीरज नरवारिया और अन्य छात्रों को बेच दिया।"

ADCP मिश्रा ने बताया कि, "तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। छोटी ग्वालटोली थाने में धारा 406 IPC और परीक्षा अधिनियम 3/ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस टीम सभी साक्ष्य जुटा रही है और मामले में शामिल लोगों की तलाश के लिए आगे की जांच जारी है।"  देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने सुरक्षा कारणों से अपने परीक्षा प्रश्नपत्र निजी संस्थान - आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में रखवाए हैं।

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (पूर्व में इंदौर विश्वविद्यालय) की स्थापना 1964 में मध्य प्रदेश विधानमंडल के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन ने 1964 में विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था। विश्वविद्यालय का अधिकार क्षेत्र इंदौर जिले तक सीमित था। पुलिस टीम मामले में आगे की जांच कर रही है ताकि मामले में शामिल अन्य लोगों और धनराशि के बारे में पता लगाया जा सके।

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