इंदौर. बीते युग में पति के मरने के बाद महिलाओ को बहुत कुछ अन्याय झेलना पड़ता था, किन्तु नए युग में हालात बहुत हद तक ठीक हो गए. बता दे कि विधवाओ को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पारित हुआ जिसके तहत विधवाओ को कल्याणी कहा जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है. शहर इंदौर की पहल से विधवा महिलाओं को सम्माजनक नाम 'कल्याणी' मिलने जा रहा है. यहां के 21 हजार लोगों ने इसके लिए अपना समर्थन दिया था.
शहर की धार्मिक और आध्यात्मिक संस्था श्री दत्त माउली सदगुरू अण्णा महाराज संस्थान द्वारा दो वर्ष से कल्याणी अभियान चलाया जा रहा था. इसके लिए एक जगह से दूसरी जगह जाकर विधवा महिलाओं को कल्याणी का सम्मान दिया गया. उन्होंने नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों से विधवा शब्द का समाज से बहिष्कार करने का संदेश दिया.अण्णा महाराज ने कहा कि पति के गुजर जाने के बाद वैसे ही महिला खुद को कमजोर मानने लगती है. जब कोई किसी महिला को विधवा संबोधित करता है तो उसके आत्मसम्मान को चोट पंहुचती है और आत्मविश्वास भी कम हो जाता है.
बता दे कि इस मामले में प्रधानमंत्री के लिए भी 21 हजार लोगों के हस्ताक्षर वाला प्रस्ताव तैयार किया गया है. बुरहानपुर में भी एक कार्यक्रम के दौरान नगर निगम ने कल्याणी शब्द के चलन में लाने की घोषणा की थी. सुनील धर्माधिकारी ने बताया कि संस्था ने महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस से इसकी मांग की थी. बुधवार को महिला दिवस पर अर्चना चिटनीस के प्रस्ताव को विधानसभा में मान्य किया गया.
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