इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महिला कारोबारी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर ठगों ने 3 दिन तक डिजिटल अरेस्ट किया तथा लगभग 1.60 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगों ने महिला कारोबारी को ED एवं CBI का अफसर बनकर डराया तथा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसाने की धमकी दी। तत्पश्चात, उन्होंने महिला से उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर, पैसे के वैरिफिकेशन के नाम पर धमकाकर सभी पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। पीड़िता ने इस घटना की शिकायत साइबर सेल में दर्ज कराई है। यह इंदौर में डिजिटल अरेस्ट का 65वां मामला है, जबकि बीते 3 महीनों में 64 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
साइबर सेल के अनुसार, यह घटना वंदना गुप्ता के साथ हुई। वंदना राठी ग्रुप में काम करती हैं एवं शेयर एवं कमोडिटी का व्यापार करती हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि 9, 10 और 11 नवंबर को उनके पास एक वीडियो कॉल आई, जिसमें कॉलर ने स्वयं को प्रवर्तन निदेशालय का अफसर बताया। उसने वंदना से कहा कि उनके खातों में अवैध ट्रांजेक्शन हुए हैं तथा यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है, जिसके लिए उनके खातों का वैरिफिकेशन करना होगा। इस दौरान ठगों ने उनसे 1.60 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए और गोल्ड लोन लेने का दबाव बनाया।
ठगों ने वंदना से कहा कि उनके खाते में काले धन की जानकारी मिली है तथा इसी आधार पर उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद, उन्होंने वंदना से उनके बैंक खातों, कारोबार और आईडी कार्ड की जानकारी ली। ठगों ने वंदना को जेल भेजने की धमकी देकर, उनके बैंक में जमा एफडी तुड़वाकर एक करोड़ 60 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। 3 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखने के पश्चात्, ठगों ने वंदना से कहा कि वह गोल्ड लोन लें और लोन से मिले पैसे भी उनके खातों में ट्रांसफर कर दें। इसके बाद, वंदना को शक हुआ और उन्होंने तुरंत साइबर सेल में शिकायत की। पुलिस साइबर ठगों के खातों और मोबाइल नंबर के आधार पर उनकी पहचान करने में जुटी है।
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