नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कई इंडस्ट्री में कामकाज बहाल करने की अनुमति दे दी है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट न शुरू होने और कई किस्म की कड़ी शर्तों की वजह से इस बात को लेकर संशय भी जाहिर किया जा रहा है कि क्या कारखानों का पहिया तेज रफ़्तार पकड़ पाएगा? लेकिन उद्योग जगत सरकार के इस कदम को अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक और स्वागत योग्य बता रहा है.
जानकारों का कहना है कि अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया तो आर्थिक गतिविधियां 30 से 40 फीसदी तक ठीक हो जाएंगी. लॉकडाउन के कारण इंडस्ट्री को होने वाले भारी नुकसान के कारण सरकार ने ढील देते हुए जरूरी कामकाज शुरू करने पर बल दिया है. इससे मजदूरों के पलायन पर अंकुश लगने की भी उम्मीद जताई जा रही है. किन्तु इसके लिए कई कड़ी शर्तें रखी गई हैं.
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित क्षेत्रों में 20 अप्रैल से चुनिंदा आर्थिक गतिविधियों को आंशिक तौर पर बहाल करने को लेकर रविवार को दिशा निर्देश जारी किए थे. इसके मुताबिक, प्रवासी मजदूर लॉकडाउन (बंद) की मियाद के दौरान किसी राज्य के भीतर एक जगह से दूसरी जगह आ-जा सकेंगे. हालांकि, उन्हें एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने की अनुमति नहीं होगी.
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