सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया या COAI ने कहा "रिलाइंस जिओ की नयी प्राइम पालिसी से इंडस्ट्री को नुकसान होता रहेगा " वेसे इसका प्रभाव सबसे ज्यादा उन बैंको को पड़ेगा जिन उन्होंने दूरसंचार की बड़ी कंपनियों पर कर्ज दिया है.
COAI ने कहा है की बाजार निचली कीमतों में जा रहा है, उपभोक्ता की द्रष्टि अच्छा कदम है, लेकिन इस तरह की मूल्य दर रेगुलेशन के अनुकूल है इसे अदालतों तथा दूरसंचार न्याधिकारणो द्वरा निपटना चाहिये.
COAI के डायरेक्टर राजन मैथु ने पीटीआई भाषा में कहा है कि इस्डस्ट्री के इस कदम से बैंको को नुकसान होता रहेगा.
दूरसंचार उद्योग का विभिन्न वित्तिय संस्थानों और बैंको में 4.60 लाख करोडो रुपये बकाया है जिओ ने 31 मार्च के बाद 7.2 करोड़ पेड सब्सक्राइब जुड़े है, ग्राहकों को अधिक संचय में लेन के लिए उन्होंने अंतिम तिथि में बदलवाव किया.
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