नई दिल्लीः देश के डवांडोल आर्थिक सेहत को लेकर विपक्ष का आलोचना झेल रही सरकार अब इससे निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार करने में जूट गयी है। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकास को वापस पटरी पर लाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए उच्च अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने बताया कि ग्लोबल और घरेलू बाजार में मौजूदा मंदी के बीच तुरंत समाधान करने की जरूरत है।
उन्होंने बताया, 'अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन पैकेज की शुरुआत करने के लिए एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप की आवश्यकता है। हमने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के पैकेज के लिए सुझाव दिया है। तीन घंटे चली लंबी बैठक के बाद इंडिया इंक ने भी कहा कि सरकार ने उद्योग को पुनर्जीवित करने और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए शीघ्र ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
सीतारमण और मंत्रालय के अधिकारियों ने अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने और औद्योगिक विकास को गति देने के लिए उद्योग के प्रमुखों से भेंट की। पिरामल एंटरप्राइजेज के चीफ अजय पीरामल ने कहा कि उद्योग ने कई मामलों को उठाया जैसे कि बैंक उद्योग को ऋण नहीं देना चाहते। उन्होंने बताया, 'ऐसा नहीं है कि बैंकों में कैश की कमी थी, मगर उधारी नहीं हो पा रही थी। जहां तक एनबीएफसी सेक्टर की बात है, अर्थव्यवस्था पर तनाव है।' आपको बता दें कि बीते कई दिनों से मंदी के कारण कंपनियों द्वारा छंटनी एक अहम मुद्दा बन गया है।
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