चंडीगढ़: दिवाली से कुछ घंटे पहले ही बाजार में रिफाइंड एवं सरसों के तेल के दाम अचानक बढ़ गए हैं। जहां रिफाइंड ऑयल 10 रुपये लीटर महंगा हो गया है। वहीं दिवाली के दीपक पर भी महंगाई का प्रभाव होने जा रहा है। सरसों का तेल 5 रुपये लीटर बढ़ गया है। यह वृद्धि कुछ घंटों में ही देखने को मिली है। तत्पश्चात, बाजार में बहुत दुकानदारों ने सरसों व रिफाइंड ऑयल का भंडारण कर लिया है।
सरसों के तेल का थोक व्यापार करने वाले विशाल गुप्ता इसका कारण कुछ अलग बताते हैं। उनका कहना है कि उपभोक्ताओं को महंगे दामों से राहत देने के लिए सरकार के सालाना 20-20 लाख टन सूरजमुखी एवं सोयाबीन तेल के शुल्क मुक्त आयात करने की छूट देने के पश्चात् भी देश में इन तेलों की कम आपूर्ति की स्थिति बनी है। जितनी मात्रा में शुल्क मुक्त आयात की छूट दी गई है उसकी तुलना में घरेलू मांग बहुत ज्यादा है।
वही इन तेल की बाकी मांग को पूरा करने के लिए आयातकों को 5.50 फीसदी आयात शुल्क अदा करना होगा मगर इस शेष शुल्क अदायगी वाले तेल को शुल्क मुक्त आयातित तेल से ही प्रतिस्पर्धा करनी होगी जिसके कारण आयातक नए सौदे खरीद नहीं रहे और इससे सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतें सस्ता होने की जगह और महंगी हो गई हैं। इससे उपभोक्ताओं को सोयाबीन तेल सात रुपये किलो एवं सूरजमुखी का तेल 20-25 रुपये किलो महंगा मिल रहा है। सरकार को तत्काल इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। सरकार या तो शुल्क मुक्त आयात की सीमा को समाप्त कर दे या पहले की भांति 5.50 फीसदी का आयात शुल्क लगा दे। इससे घरेलू बाजार में तेल की आपूर्ति बढ़ेगी तथा प्रतिस्पर्धा की वजह से उपभोक्ताओं को सस्ता खाद्य तेल मिलेगा तथा सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी।
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