महंगाई दर: दिल्ली में सबसे कम, राजस्थान में सबसे अधिक, जानिए आपके राज्य में क्या है हाल

महंगाई दर: दिल्ली में सबसे कम, राजस्थान में सबसे अधिक, जानिए आपके राज्य में क्या है हाल
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नई दिल्ली: भारत की राजनीति में महंगाई हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिससे कई बार सरकारें बनने-बिगड़ने की आशंका बनी रहती है। हालाँकि, ये अलग बात है कि हर नई सरकार में महंगाई पिछली सरकार से अधिक ही रहती है। बढ़ोतरी को होना ही है, आबादी बढ़ रही है, संसाधन घट रहे हैं, उपभोक्ताओं की तादाद बढ़ रही है, ऐसे में महंगाई पर लगाम रखना, एक बड़ा जटिल काम है। लेकिन, तुलना इस बात पर की जा सकती है कि, किस सरकार के दौरान महंगाई बढ़ने की रफ़्तार यानी दर क्या रही ? हालाँकि, मौजूदा समय में तो सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के कारण अगस्त महीने में भारत में खुदरा महंगाई कम दर्ज की गई है, जो उपभोक्ताओं को राहत देने वाली है। 

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक यानी CPI मुद्रास्फीति, जो जुलाई में 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44% पर पहुंच गई थी, अगस्त में घटकर 6.83% हो गई है। देश में खाद्य मुद्रास्फीति, जो कुल मुद्रास्फीति का लगभग आधा हिस्सा है, जुलाई में 11.51% की वृद्धि की तुलना में अगस्त में 9.94% रही थी। आंकड़ों पर गौर करें तो आप पाएंगे है कि राज्यों में, दिल्ली में मुद्रास्फीति की दर सबसे कम थी, जबकि राजस्थान में सबसे अधिक थी। अगस्त 2023 में दिल्ली में मुद्रास्फीति दर 3.09% दर्ज की गई थी, इसके बाद असम में 4.01% और पश्चिम बंगाल में यह दर 4.79% थी।

प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में मुद्रास्फीति दर संयुक्त रूप से 5.45% थी, जबकि छत्तीसगढ़ में यह 5.52% थी। बाकी प्रमुख राज्यों में, अगस्त 2023 के लिए ग्रामीण, शहरी और संयुक्त रूप से प्रमुख राज्यों की साल-दर-साल (YoY) मुद्रास्फीति दर लगभग 6-8% के बीच रही। अगस्त में चार राज्यों में CPI मुद्रास्फीति दर 8% से ऊपर दर्ज की गई। इनमें राजस्थान में 8.60%, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में 8.27% और ओडिशा में 8.23% शामिल हैं, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है।

इस बीच, देश में कुल मिलाकर मुख्य मुद्रास्फीति जुलाई में 5% के मुकाबले 41 महीने के निचले स्तर 4.8% पर आ गई। मुख्य मुद्रास्फीति को परिवहन और संचार (टी एंड सी) श्रेणी और कपड़े और जूते के अनुकूल योगदान से सहायता मिली। मुख्य सेवाओं में मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 3.9% पर अपरिवर्तित रही, जो नवंबर 2019 के बाद सबसे कम है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सकल मुद्रास्फीति सितंबर में और कम होकर 6% से नीचे आ जाएगी।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने कहा कि, 'हमारा मानना है कि हेडलाइन मुद्रास्फीति सितंबर 2023 में सालाना आधार पर 5.7% और 2HFY24 में 5% तक कम हो सकती है। इसका मतलब है कि FY24 में मुद्रास्फीति 5.4% होगी, जो हमारे पिछले अनुमान ~4.5% से अधिक है। इस प्रकार, हम उम्मीद करते हैं कि RBI निकट भविष्य में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखेगा।'' वहीं, TIW कैपिटल के CEO मोहित रल्हन का भी मानना है कि उम्मीद से बेहतर मुद्रास्फीति के आंकड़ों का मतलब है कि RBI अपनी आगामी बैठक में नीतिगत दर को बरकरार रखेगा। रल्हन ने कहा कि, 'सब्जियों की कीमतों से अस्थायी झटके के कारण मुख्य मुद्रास्फीति अधिक नहीं बढ़ी है। लेकिन केंद्रीय बैंक सतर्क रहेगा, क्योंकि वैश्विक कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट 90 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बना हुआ है और अगस्त में बारिश सामान्य से कम हुई है।'

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