नई दिल्ली। बहू को अपने ससुर की पेंशन को लेकर जानकारी लेने का पूरा अधिकार है। इसे किसी तीसरे पक्ष की निजता के अधिकार के हनन से नहीं जोड़ा सकता है। यह बात केंद्रीय सूचना आयोग ने कही। दरअसल इस मामले में सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने एक आदेश में कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि मुख्य सूचना अधिकारी ने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 2005 में हुए संशोधन के बारे में जानने की जहमत भारतीय डाक विभाग के मुख्य सूचना अधिकारी ने नहीं उठाई। केंद्रीय सूचना आयुक्त ने इस मामले में कहा कि पुत्र के परिवार में पत्नी, पुत्र व पुत्रियाॅं पुत्र की भागीदारी वाली संपत्ती में अधिकार रखती हैं।
इस दौरान उन्होंने सूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। जिसमें उन्होंने सवाल किए कि आखिर इस मामले में सूचना देने से इन्कार करने हेतु सजा क्यों नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे आरटीआई कानून के तहत लाया जाए और कहा कि कोई भी बहू आरटीआई के तहत ससुर की पेंशन की जानकारी लेने का अधिकार रखती है। उल्लेखनीय है कि मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने सीआईसी के आदेशों का पालन नहीं करने वाले छह बड़े राजनीतिक दलों की शिकायतों को सुनने के लिए बड़ी पीठ का गठन किया है।
गौरतलब है कि जो राजनीतिक दल सूचना के अधिकार का पालन नहीं करते उन्हें लेकर मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर पहले ही पीठ गठित कर चुके हैं। ऐसे करीब 6 राजनीतिक दल कार्रवाई के अंतर्गत आए हैं। मगर इस पीठ के सदस्य बिमल जुल्का इस मामले से हट गए थे जिस पर मुख्य सूचना आयुक्त माथुर ने मामले को अगले नोटिस तक स्थगित कर दिया था। जो पीठ गठित हुई थी वह श्रीधर आचार्युलु की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पैनल का स्थान लेगी। यह पैनल 22 जुलाई वर्ष 2016 से मामले की सुनवाई कर रहा है।
नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष पनगढ़िया ने दिया इस्तीफा
दिल्ली स्पेशल पुलिस ने महिला हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया
दिल्ली में सबसे ऊॅंचाई पर चली मेट्रो रेल