वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर सकते है । इस बजट से ऑटोमोबाइल सेक्टर और इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ स्टील सेक्टर को भी नई ऊर्जा मिल सकती है। बीते पांच वर्षों से स्टील सेक्टर सुस्त विकास दर का सामना कर रहा है। इस सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोकिंग कोल और पेट कोल के आयात पर शुल्क दरों में कटौती का एलान कर सकती हैं। स्टील सेक्टर बड़ी बेसब्री से पहली फरवरी का इंतजार कर रहा है। इसके साथ ही स्टील सेक्टर को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में जान फूंकने के लिए कुछ बड़े कदमों का एलान करेंगी, जिनसे अर्थव्यवस्था के साथ-साथ स्टील सेक्टर की सुस्ती दूर करने में भी सहायता मिल सकती है।
स्टील कंपनियों के अनुसार अक्टूबर, 2019 में स्टील की मांग न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के बाद अभी कुछ सुधार अवश्य दिखाई दे रहा है। परन्तु यह स्थिति बरकरार रहेगी, इसमें संदेह है। इसलिए सरकार को ऑटोमोबाइल उद्योग को वित्तीय प्रोत्साहन देने के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर, खासकर रेल, सड़क, बिजली और हाउसिंग सेक्टर में निवेश बढ़ाने के उपाय करने हो सकते है। यह शुभ संकेत है कि सरकार रेलवे में नई लाइनों, दोहरीकरण, विद्युतीकरण, सिग्नलिंग के अलावा कोच एवं वैगन उत्पादन तथा स्टेशनों के विकास से जुड़ी परियोजनाओं पर निवेश बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। साथ ही सड़क निर्माण में भारतमाला जैसी महा-योजना पर तेजी से काम के लिए प्रयास हो रहे हैं। इसके अलावा स्टील की मांग बढ़ाने में शिपिंग तथा राष्ट्रीय जलमार्ग सेक्टर की भी महत्वपूर्ण भूमिका है और सरकार इन क्षेत्रों का भी विस्तार कर रही है। इसके लिए सागरमाला और जलमार्ग विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
वही बजट में इन सभी के लिए के लिए आबंटन बढ़ने तथा निजी और पीपीपी परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के उपाय संभावित हैं। स्टील सेक्टर की एक बड़ी समस्या ईंधन व कच्चे माल की बढ़ती कीमतें हैं। इनका संबंध मुख्यतया अच्छी गुणवत्ता वाले कोयले से है, जिनका आयात करना पड़ता है। इसके अलावा महंगे कोयले के आयात से निजात दिलाने के लिए सरकार ने हाल ही में कोयला क्षेत्र को निजी निवेश के लिए पूरी तरह खोलने फैसला किया है। परन्तु कोकिंग कोल के आयात पर निर्भरता जारी रहने की संभावना है। इसलिए उद्योग ने इस पर आयात शुल्क घटाए जाने की मांग की है।ऐसा माना जाता है कि बजट में वित्त मंत्री इस पर अवश्य विचार करेंगी।
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