आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में ताजमहल का दीदार करते हुए परिवार से बिछुड़ गई 9 वर्षीय बच्ची को राहगीर ने जब रोते हुए देखा, तो उसकी सहायता के लिए हाथ आगे बढ़ाए। बच्ची कुछ भी बता नहीं पा रही थी, इसलिए राहगीर शख्स बच्ची को पुलिस थाने लेकर पहुंच गया, जहां पुलिस की सहायता से बच्ची को उसके परिवार से मिलवाया जा सका।
वही थाना प्रभारी निरीक्षक भूपेन्द्र कुमार ने कहा कि केदारनगर शाहगंज के रहने वाले अकरम शनिवार को पत्नी अस्मा एवं 9 वर्षीय बेटी माइरा के साथ ताजमहल देखने के लिए आए थे। ताजमहल परिसर में अचानक माइरा माता-पिता से बिछुड़ गई तथा इधर-उधर भटकने लगी। बहुत देर तक जब माता-पिता दिखाई नहीं दिए, तो वह गेट के बाहर आ गई। दूसरी तरफ माता-पिता भी बेटी की तलाश में लगे हुए थे।
शाम होने के चलते ताजमहल बंद होने का वक़्त हो गया था। पर्यटक बाहर निकल कर आ रहे थे। माइरा पश्चिमी गेट से श्मशान घाट चौराहे की ओर आ गई तथा यहां आकर रोने लगी। मार्ग से निकल रहे कुछ लड़कों ने उससे चर्च की। तभी ताजगंज निवासी यूशुफ ने बच्ची को रोते हुए देखा तो उससे बात की। बच्ची ने माता-पिता से बिछुड़ने के बारे में बताया। तत्पश्चात, यूशुफ बच्ची को लेकर थाना ताजगंज पहुंच गए। यहां पुलिस ने CISF से संपर्क किया, तब पता चला कि अकरम भी बेटी की खोज कर रहे थे। पुलिस एवं CISF ने माइरा को उसके घरवालों से मिला दिया। बेटी से मिलने के बाद घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
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