भारतीय नौसेना को एक साइलेंट किलर 'सैंड शार्क' भी मिल चुकी है। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार (Navy Chief Admiral R Hari Kumar) की मौजूदगी में कलवारी श्रेणी की 5वीं सबमरीन 'वागीर' (INS Vagir) को आज भारतीय नौसेना में शामिल भी किया जा चुका है। कलवारी श्रेणी की चार पनडुब्बियों को पहले ही भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल कर लिया गया है। अब सबमरीन 'वागीर' के आने से भारतीय नौसेना समुद्र के अंदर और मजबूत हो सकती है।
इंडिया में इन पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) की तरफ से हो रहा है। खबरों का कहना है कि 12 नवंबर 2020 को अपने नए अवतार में पेश की जा चुकी है वहीं 'वागीर' पनडुब्बी को अब तक की सभी स्वदेशी निर्मित पनडुब्बियों में सबसे कम निर्माण समय में पूरा किया गया है। समुद्री परीक्षणों की शुरुआत करते हुए इसने 22 फरवरी को अपनी पहली समुद्री यात्रा की। कमीशन से पहले यह सबमरीन सख्त और चुनौती वाले समुद्री परीक्षणों की एक श्रृंखला से होकर गई।
INS वागीर की ताकत: बता दें कि वागीर भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना की क्षमता को और भी जयदा बढ़ा सकती है। यह सतह-रोधी युद्ध, पनडुब्बी-रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करना, माइन बिछाने और निगरानी मिशन सहित विभिन्न मिशनों को पूरा करने में सक्षम हो चुके है।
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