नई दिल्ली: देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत के पहले समुद्री ट्रायल के बाद, अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल अगस्त में ये इंडियन नेवी के बेड़े में शामिल हो जाएगा. 262 मीटर लंबे इस जंगी जहाज की डिजाइन स्वदेशी है, जिसे भारत में निर्मित किया गया है. ये देश का सबसे बड़ा जहाज है. बता दें कि 1999 में पहली दफा स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर पर इंडियन नेवी ने काम करना शुरू किया, लगभग दस वर्षों बाद 2009 में इसकी नींव पड़ी.
ये पहली बार था जब देश के किसी शिपयार्ड पर सबसे बड़ा और जटिल तकनीक का जहाज तैयार हो रहा था. पूरी तरह स्वदेशी इस जहाज में उपयोग की गई स्टील भी भारत में बनाई गई थी. 12 अगस्त 2013 को इसे लॉन्च किया गया, यानि इसका ढांचा बनाकर तैयार कर लिया गया. कोरोना काल के बीच में 2020 में शिपयार्ड में इसके प्रत्येक सिस्टम को जांचा-परखा गया. खरा उतरने के बाद इसी साल अगस्त में इसे पहली दफा समुद्र में उतारकर ट्रायल किया गया. पांच दिन की अपनी पहली यात्रा में INS विक्रांत के हर सिस्टम ने अपना काम सही तरीके से पूरा किया. इतनी मेहनत के बाद पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर इंडियन नेवी में शामिल होने के लिए तैयार है.
विक्रांत की विशालता का अनुमान लगाने के लिए कुछ दिलचस्प आंकड़े दिए जा सकते हैं. इस एयरक्राफ्ट करियर में इतनी बिजली उत्पन्न होती है कि एक शहर को पूरी पड़ेगी, इसका पानी इतना स्वच्छ है कि किसी छोटे शहर की आवश्यकता के लिए पर्याप्त है. इसमें 15 मंजिलें हैं जिसमें 40 तक एयरक्राफ्ट रखे जा सकते हैं.
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