इटावा: भारत में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान निरंतर चल रहा है। बेटियां कई इलाकों में परचम भी लहरा रही हैं। हर कदम पर साबित कर रही हैं कि वह पुरुषों से कहीं भी कम नहीं है, मगर सामाजिक परंपरा की आड़ में बेटियों के ख्वाब भी कुचले जा रहे हैं। ऐसी ही एक घटना यूपी के इटावा में सामने आई है।
भरथना कस्बे के कांशीराम कॉलोनी के क्वार्टर संख्या 132 में रहने वाली 19 साल की प्रियंका कक्षा 11 की विद्यार्थी थी। इस वर्ष 12वीं में पढ़ाई करनी थी। पढ़ाई करके आगे जीवन में कुछ बनने का हौसला बरकरार था। अन्य युवतियों की भांति पढ़कर करियर बनाना चाहती थी, मगर बढ़ती उम्र में घरवालों को उसकी शादी की चिंता सताने लगी।
वही शादी के लिए पिता ने लड़का तलाशना आरभ कर दिया। जैसे ही शादी की बात फाइनल हुई तो बेटी ने बोला कि वह पढ़ाई करना चाहती है, शादी नहीं करना चाहती। घरवालों की जिद होने लगी तभी प्रियंका ने इससे दुखी होकर क्वार्टर संख्या 132 में कुंडे में दुपट्टे से फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है तथा कई एंगल से तहकीकात चल रही है। मृतका प्रियंका के पिता प्रभु दयाल तथा उनकी पत्नी मिथिलेश कांशीराम कॉलोनी के क्वार्टर संख्या 123 के ग्राउंड फ्लोर में उपस्थित थे। मृतका, दो छोटे भाई एवं 4 छोटी बहनों में सबसे बड़ी थी। पिता मजदूरी करके बच्चों का भरण पोषण करता है।
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