'मैतेई के खिलाफ कूकी समुदाय को भड़काया, हमें माफ कर दो..', मणिपुर हिंसा पर ट्राइबल लीडर फोरम ने स्वीकार की गलती

'मैतेई के खिलाफ कूकी समुदाय को भड़काया, हमें माफ कर दो..', मणिपुर हिंसा पर ट्राइबल लीडर फोरम ने स्वीकार की गलती
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इम्फाल: मणिपुर में बीते 2 महीनों से रुक-रूककर हो रही हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में मैतेई और कुकी समुदाय में जारी संघर्ष में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच इंडिजिनस ट्राइबल लीडर फोरम (ITLF) ने कुकी-जो समुदाय के लोगों से माफी मांगी है। ITLF का कहना है कि वह यह माफी, लोगों को गुमराह करने और मैतेई समुदाय के खिलाफ भड़काने के लिए माफी मांग रहा है। ITLF ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इंडिजिनस ट्राइबल लीडर फोरम, स्वदेशी समुदायों के कल्याण और एकता के लिए प्रतिबद्ध एक अग्रणी संगठन, गुमराह करने वालों कार्यों को स्वीकार करता है और गहरा खेद प्रकट करता है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्भाग्यपूर्ण संघर्ष में निर्दोष कुकी-जो लोगों का ब्रेनवॉश किया गया और उन्हें मणिपुर में मैतेई लोगों के साथ हिंसा में धकेल दिया गया।

ITLF ने आगे कहा कि उसका मानना ​​है कि मिशन का सार विभिन्न स्वदेशी समुदायों के बीच सद्भाव, आपसी सम्मान को बढ़ावा देना, शांति और सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करना है।  बयान में आगे कहा गया कि, 'भारी मन से हम इन मूल सिद्धांतों को पूरा करने में अपनी नाकामी को स्वीकार करते हैं, जिसके चलते अनपेक्षित परिणाम सामने आए, जिससे कुकी ज़ो और मेइतेई दोनों समुदाय प्रभावित हुए।' माफी मांगते हुए ITLF ने आगे कहा है कि हम उन बेकसूर कुकी-जो लोगों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं जिनका विश्वास गलत था और जो अनजाने में हिंसा में शामिल हो गए थे। ITLF ने यह भी कहा है कि वह कार्रवाई करके स्थिति को सुधारने का वादा करता है, जिसमें दोनों समुदायों के बीच खुली बातचीत, पुनर्स्थापनात्मक उपाय और इसकी संगठनात्मक प्रक्रियाओं और फैसला लेने वाली संरचनाओं की पारदर्शी समीक्षा शामिल है। 

बता दें कि, मणिपुर में हिंदू मैतेई समुदाय और आदिवासी ईसाई कुकी समुदाय के बीच 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) की एक रैली के बाद हिंसा भड़क उठी थी। दरअसल, मणिपुर में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) केटेगरी में शामिल करने की मांग के बाद हिंसा भड़की थी। मैतेई समुदाय मणिपुर में बहुसंख्यक समुदाय माना जाता है, हालाँकि राज्य में उनकी आबादी 53 फीसद ही है। ये समुदाय इंफाल घाटी और आसपास के इलाकों में रहते हैं। वहीं, आदिवासी कूकी समुदाय जिसे अल्पसंख्यक माना जाता है, उसकी जनसंख्या 30 फीसद है। मणिपुर में हिंसा जो हो रही है, उसके पीछे मुख्य कारण कूकी उग्रवादियों द्वारा मैतई समुदाय पर हमला करना माना जाता है। क्योंकि, हाई कोर्ट द्वारा मणिपुर सरकार को मैतई समुदाय को ST दर्जा देने पर विचार करने का आदेश देने के बाद से ही कूकी समुदाय इसका विरोध कर रहा था और इसी प्रदर्शन ने बाद में उग्र रूप धारण कर लिया। इसके लिए बाकायदा कूकी समुदाय को भड़काया गया था, जैसा कि अब ITLF ने स्वीकार किया है और मैतेई समुदय के खिलाफ संघर्ष करने के लिए माफ़ी भी मांगी है

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