इंजीनियरिंग तथा टेक्नोलॉजी जैसे विषयों में डिप्लोमा किए विद्यार्थियों को अब लैटरल एंट्री से बीई अथवा बीटेक जैसे अंडर ग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्सो में सरलता से प्रवेश प्राप्त हो सकेगा। कोई भी टेक्निकल इंस्टिट्यूट इन विद्यार्थियों को प्रवेश देने से मना नहीं कर सकेगा। आल इंडिया कॉउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने इसे लेकर पहले से प्रचलित नियमों को और कठोर कर दिया है। साथ-साथ सभी प्रदेशों सरकारों तथा विश्वविद्यालयों को इसका कठोरता से अमल कराने के आदेश भी दिए है।
वही एआईसीटीई के निर्देशों के तहत फिलहाल सभी टेक्निकल इंस्टीटूट्स को डिप्लोमाधारी विद्यार्थियों को बीई अथवा बीटेक जैसे अंडर ग्रेजुएट कोर्स में लैटरल एंट्री के माध्यम से प्रवेश देने का प्रावधान है। इसके तहत इन विद्यार्थियों को डायरेक्ट दूसरे वर्ष में प्रवेश दिया जा सकता है, परन्तु अधिकतर टेक्निकल इंस्टीटूट्स इन विद्यार्थियों को प्रवेश देने से मना कर देते थे। हाल ही में एआईसीटीई ने इन विद्यार्थियों की दिक्कतों को समझा तथा इसका सही निराकरण किया है। इसके तहत लैटरल एंट्री के प्रवेश के नियमों को अब हर टेक्निकल इंस्टिट्यूट के लिए मानना आवश्यक होगा। रिक्त पड़ी सीटों पर इन विद्यार्थियों को प्रवेश देना ही होगा।
इसके साथ ही एआईसीटीई ने सभी प्रदेश सरकारों तथा विश्वविद्यालयों को भी आदेश किया है कि वे अपने अधीन सभी इंस्टीटूट्स में इसे सुनिश्चित कराने के दिशा-निर्देश दें। साथ ही कहा है कि अगर कोई इंस्टिट्यूट इसे मानने से मना करता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही भी जाएगी। इसके साथ-साथ बीई तथा बीटेक में लैटरल एंट्री से प्रवेश से संबंधित नियमों को एक बार फिर से साफ़ किया गया है। इसी के साथ आगे कई बदलाव किये जा सकते है।
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