उज्जैन/ब्यूरो। नालों में जहाँ भी पानी रुकता है, वहाँ पानी निकालने के लिए रास्ता बनायें। नालों के ऊपर से अतिक्रमण सख्ती से हटायें। ड्रेनेज व्यवस्थित होना चाहिए। नगरीय विकास एवं आवास तथा भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने यह निर्देश भोपाल में हुई अतिवृष्टि के बाद उत्पन्न परिस्थितियों की समीक्षा में दिये। बैठक में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया, नगर निगम कमिश्नर श्री केवीएस चौधरी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास को निर्देशित किया है कि भोपाल में ऐशबाग, नेहरू नगर आदि स्थानों पर गृह निर्माण मंडल के जर्जर मकानों के गिरने तथा उससे जनहानि की संभावना के मद्देनजर पुराने जर्जर आवासों को तोड़कर नए आवास बनायें। श्री सिंह ने कहा कि गृह निर्माण मंडल द्वारा निर्मित पुरानी आवासीय इकाइयाँ, जो जर्जर हो चुकी हैं, उनके स्थान पर नवीन आवासीय एवं व्यवसायिक इकाइयाँ बनाकर लीजधारक अथवा कब्जाधारक को देने के संबंध में नीतिगत प्रस्ताव अतिशीघ्र तैयार करें।
मंत्री सिंह ने कहा कि बाढ़ के बाद शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सभी क्षेत्रों में नियमित पेयजल आपूर्ति होनी चाहिए। बाढ़ का पानी उतरने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चलाकर सफाई करवायें। प्रभारी मंत्री श्री सिंह ने कहा कि अतिवृष्टि के कारण बाधित हुई विद्युत आपूर्ति को कड़ी मेहनत से ऊर्जा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ठीक किया है। सभी कर्मचारी-अधिकारी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि अब भी बिजली संबंधित जो शिकायतें आएं उनका त्वरित निराकरण करें। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री श्री जाहिद खान ने बताया कि भोपाल शहर में 484 फीडर हैं, इनमें से अतिवृष्टि और पेड़ गिरने के कारण 80 प्रतिशत फीडर बंद हो गए थे। देर रात तक लगभग 80 प्रतिशत फीडर और मंगलवार दोपहर तक 100 प्रतिशत फीडर में विद्युत आपूर्ति शुरू कर दी गई है। सोमवार को नजदीकी जिलों से भी कर्मचारी बुलाए गए थे। एक साथ लगभग 250 कर्मचारी सुरक्षा व सतर्कता के साथ काम कर रहे थे।
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