नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में भड़की हिंसा एक सोची-समझी साजिश का परिणाम थी और इसके लिए पहले से ही दंगाइयों ने पूरी तैयारी कर ली थी। खुफिया विभाग (IB) से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस हिंसा की साजिश एक हफ्ते पहले ही रच ली गई थी, जिसे अंजाम देने के लिए छतों पर पत्थर, रोड़े और ईंटें जमा कर लिए गए थे। आरोपी मोहम्मद अंसार ही इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड है।
IB सूत्रों की मानें तो रामनवमी वाले दिन अंसार ने लगभग एक दर्जन लोगों के साथ कुशल चौक के पास एक मीटिंग की थी। इस बैठक में हिंसा की साजिश रच ली गई थी। जिसमें यह तय हुआ था कि हनुमान जयंती की शोभायात्रा को कुशल चौक से नहीं निकलने दिया जाएगा। बता दें कि कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने भी जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बारे में गृह मंत्रालय को दी अपनी शुरूआती रिपोर्ट में इस हिंसा को आपराधिक साजिश के तहत अंजाम दिए जाने का खुलासा किया था। दिल्ली पुलिस ने रिपोर्ट में इस घटनाक्रम के संबंध में पूरी जानकारी देते हुए यह भी बताया था कि अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई है और क्या-क्या एहतियाती कदम उठाए गए हैं।
बता दें कि, 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर हिन्दुओं द्वारा निकाली गई शोभायात्रा के दौरान मुस्लिम भीड़ द्वारा किए गए पथराव के बाद दो समुदाय के लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक आम नागरिक और आठ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक दोनों समुदायों के 25 से अधिक लोगों को अरेस्ट किया है और दो नाबालिगों को भी हिरासत में लिया है।