आमतौर पर बाएं हाथ से काम करने वाले बच्चे या बड़ों को दूसरों के मुकाबले असामान्य मतलब एबनॉर्मल माना जाता है। ये धारण समाज में इतनी गहरी है कि किसी राइटी माता-पिता का बच्चा लेफ्टी हो तो वे इसे सरलता से कबूल नहीं कर पाते तथा अपने बच्चे को दाहिने हाथ से काम करने दबाव डालते हैं। वास्तविकता यह है कि बाएं हाथों का ज्यादा इस्तेमाल करने के पीछे वैज्ञानिक वजह होती हैं। वही इसके बाद भी विश्व में दाहिने हाथों से काम करने वाले बहुसंख्य होने की वजह से रोजमर्रा की जिंदगी की चीजें दाहिने हाथ से काम लेने वालों के अनुसार बनाई जाती हैं।
इसके बाद भी बाएं हाथों से काम करने वाले अपनी सहूलियतें खोज ही लेते हैं। वास्तविकता ये है कि बाएं हाथ से काम करना कोई अवगुण नहीं है। यह सामान्य बात है जिसे सभी को सहज ढंग से लेना चाहिए। यही वजह है कि 13 अगस्त को विश्व लेफ्ट हैंडर्स डे के तौर पर चिह्नित किया गया है। वही तथ्य बताते हैं कि दुनिया की जनसंख्या के सिर्फ 7 फीसदी लोग ही लेफ्टी हैं। फिर बाएं हाथ से काम करना कई मायनों में लेफ्टी व्यक्तियों को विशेष बनाते हैं तो कई बार उन्हें समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। सारी दुनिया की भांति शहर में भी कई लेफ्ट हैंडर्स हैं जो आज एक-दूसरे को लेफ्ट हैंडर्स डे की शुभकामनाएं दे रहें हैं।
1976 से जारी लेफ्ट हैंडर्स डे मनाने का सिलसिला:- लेफ्ट हैण्डर्स को उनकी खासियत के लिए जागरूक करने और एकता लाने के लिए लेफ्ट हैंडर्स डे का आरम्भ 1976 में हुआ था। लेफ्ट हैंडर्स क्लब ने इसका आरम्भ किया था। इसके पश्चात् और भी कई क्लब और एसोसिएशन का गठन हुआ जो निरंतर लेफ्टीज के लिए काम कर रहे हैं।
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